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पाठ्य पुस्तक में बदलाव का प्रस्ताव अफवाह : दिलीप घोष
कोलकाता. पाठ्य पुस्तकों में परिवर्तन के प्रस्ताव को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने अफवाह करार दिया है. उन्होंने कहा कि विरोधी दल झूठी अफवाह फैलाकर लोगों को बरगला रहे हैं. क्या है मामला : उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के नाम पर यह खबर फैलायी […]
कोलकाता. पाठ्य पुस्तकों में परिवर्तन के प्रस्ताव को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने अफवाह करार दिया है. उन्होंने कहा कि विरोधी दल झूठी अफवाह फैलाकर लोगों को बरगला रहे हैं.
क्या है मामला :
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के करीबी संगठन शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के नाम पर यह खबर फैलायी गयी कि इस संस्थान के प्रधान दीनानाथ बत्रा ने एनसीआरटी को पत्र लिखकर प्रस्ताव दिया है कि पाठ्यक्रम से मिर्जा गालिब, वामपंथी पंजाबी कवि पाशा चित्रकार एमएफ हुसैन और रामधारी सिंह दिनकर को हटा दिया जाये. क्योंकि मौजूदा दौर में ये अप्रासंगिक हो गये हैं. साथ ही विशुद्ध हिंदी सीखाने के लिए पाठ्य पुस्तक से उर्दू, अरबी और अंग्रेजी के शब्द हटाये जायें.
ऐसी खबर आने के बाद संसद से लेकर आम जनता ने तीखी प्रतिक्रिया दी. विरोधी पार्टियां इसके खिलाफ आवाज उठाने लगीं.
इस पर दिलीप घोष ने कहा कि यह खबर पूरी तरह बेबुनियाद है. अपनी क्षमता के दम पर विरोधी दलों की छाती पर पैर रख कर भाजपा शासन कर रही है. इससे बौखलाकर विरोधी दल सियार की तरह हुआं-हुआं कर रहे हैं.
सीबीएसइ की पाठ्य पुस्तक से नहीं हटाये जा सकते कवि गुरु
सीबीएसइ पाठ्य पुस्तक से कवि गुरु रवींद्रनाथ ठाकुर एवं उनकी रचनाओं को हटाये जाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के दीनानाथ बत्रा ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है. इसकी फारवर्ड ब्लॉक ने कड़ी निंदा की है. पार्टी के महासचिव नरेन चटर्जी ने एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर कहा कि यह कवि गुरु अपमान है. इससे देश की संस्कृति को ठेस पहुंचेगी.
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