सरायकेला. चार दिनों से हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त, क्षेत्र की दो प्रमुख नदी संजय व खरकई ऊफनाई
आपात स्थिति में निपटने के लिए स्कूल भवन व सामुदायिक भवन को बनाया गया कैंप
जिला में हाई अलर्ट घोषित
सरायकेला : सरायकेला सहित आसपास क्षेत्र में चार दिनों से लगातार हो रही बारिश से जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लगातार हो रही झमाझम बारिश के कारण क्षेत्र की दो प्रमुख नदियां संजय व खरकई उफनाई हुई है. नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. खरकई नदी में सामान्य जल स्तर 129.3 मी है, जबकि मंगलवार शाम को 131.9 मीटर पर पानी बह रही थी. जो खतरे के निशान से ऊपर थी. हालांकि खरकई नदी का पानी गांवों में नहीं घूसा है. लगातार हो रही बारिश के कारण जिला में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है.
बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में जिला प्रशासन लगातार नजर बनाये हुई है. वहीं आपदा की स्थिति में निपटने के लिए स्कूल भवन व सामुदायिक भवन को कैंप बनाया गया है.
कुकड़ू व ईचागढ़ के कई गांवों में घूसा पानी:
स्वर्णरेखा नदी पर चांडिल में बने डैम का जलस्तर बढ़ने के कारण ईचागढ़ व कुकड़ू प्रखंड के लगभग दो दर्जन गांवों में पानी घूस गया है. पानी घूसने के कारण कुकड़ू प्रखंड के बाढ़ प्रभावित गांव के लोगों को जिला प्रशासन द्वारा स्कूल में बने कैंप में रखा गया है. जबकि ईचागढ़ प्रखंड में समाचार लिखे जाने तक प्रशासन द्वारा राहत कार्य नहीं चलाया गया था. ईचागढ़ प्रखंड के दर्जनों गांव भी डैम की पानी की चपेट में है. ग्रामीणों के घरों में पानी घूस गया है. सड़कों पर भी पानी बह रहा है. लोग सुरक्षित स्थानों की ओर जा रहे हैं जबकि प्रशासन की ओर से कोई भी राहत के लिए गांव में नहीं पहुंचा है.
चांडिल डैम से खोले गये दस गेट:
चांडिल डैम में बढ़ते जलस्तर को देखते हुए दस गेट को खोल दिया गया है. प्रत्येक गेट दो-दो मीटर खोला गया हैं. स्वर्णरेखा नदी उफनाई हुई है. 24 जुलाई को डैम का आठ गेट ही खोला गया था. डैम के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए मंगलवार को और दो गेट भी खोल दिया गया.
बारिश से किसान वर्ग में खुशी:
चार दिनों से लगातार बारिश होने के कारण किसानों में काफी खुशी है. किसानों का कहना है कि देर से ही सही बारिश होने से खेतों में लबालब पानी भर गया हैं. इससे धान की फसल अच्छी होगी.
लगातार बारिश के कारण जिला प्रशासन सदैव स्थिति पर नजर रखे हुए है. कहीं भी किसी प्रकार की सूचना पर प्रशासन सतर्क हैं. खरकई का जलस्तर घट रहा है. ओड़िशा डैम पर भी प्रशासन लगातार नजर रखे हुए है.
केवी पांडे, एडीसी सरायकेला खरसावां