दरौली : सरयू नदी में डूबने की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. सोमवार को केवटलिया सरयू नदी के घाट पर डूबने से हुई दो कांवरियों की मौत ने क्षेत्रवासियों की चिंता बढ़ा दी है. ग्रामीणों का कहना है कि घटनाएं होती हैं, पर तत्काल राहत के उपाय यहां विद्यमान नहीं है. संसाधन की काफी कमी है. इस कारण शव को भी खोज निकालने में असफलता हाथ लगती है. नवंबर, 2016 में दरौली के मल्हनी गांव की सरयू नदी में नाव से दियारे में लकड़ी चुनने जा रहीं सात महिलाएं नाव डूबने से डूब गयी थीं. इसमें से मछुआरों ने चार को तो बचा लिया, मगर तीन महिलाएं पानी में बह गयीं.
पानी में बहीं तीन महिलाओं में एक महिला राजकुमारी देवी का शव तो प्रशासन ने बरामद किया, परंतु आज तक दो महिलाओं के शव नहीं मिल सके. इनमें अनु कुमारी व मंशा देवी शामिल हैं. दूसरी घटना इसी वर्ष दो अप्रैल को हुई, जब भरटोलिया निवासी रामप्रवेश राजभर रोज की भांति अपने खरबूजा की खेती में काम करने दियारा में जा रहे थे.
नदी में पांव फिसल जाने से डूब गये. जब तक मछुआरे उनको बचा पाते, वे दम तोड़ चुके थे. तीसरी घटना मई में हुई, जब उत्तर प्रदेश का एक 18 वर्षीय युवक अपने संबंधी के घर दरौली के अमरपुर गांव पीर बाबा के मेले में शामिल होने आया था. अमरपुर घाट पर नहाने के क्रम में वह डूब गया. काफी मशक्कत के बाद ग्रामीणों ने करीब पांच घंटे बाद उसके शव को खोजा था. वहीं, पुनः सोमवार को केवटलिया घाट पर हुई पांचवीं घटना ने सबको झकझोर दिया. सबने प्रशासन के समक्ष अपनी बात रखी कि इसकी सुरक्षा और शव खोज निकालने के लिए सरकारी तौर पर व्यवस्था की जानी चाहिए. सोमवार की घटना में भी प्रशासन द्वारा कारगर उपाय नहीं किये गये. संसाधन के अभाव में ग्रामीणों ने ही किसी तरह दोनों शवों को निकल पाने में सफलता पायी है.
पहली घटना नवंबर 16 की तीन महिलाएं डूबीं, एक का शव बरामद
दूसरी घटना अप्रैल 2017 को, डूबने से अधेड़ की मौत
तीसरी घटना मई 2017 की, युवक की डूब कर मौत
चौथी घटना जुलाई 2017 17 को ,डूबने से दो कांवरियों की मौत