पटना : राज्य के 92 लाख बिजली उपभोक्ताओं में से सात लाख से अधिक उपभोक्ताओं के यहां अभी भी मीटर नहीं है. मीटर विहीन घरों में मीटर लगाने का काम चल रहा है, लेकिन उसकी रफ्तार काफी धीमी है. इस साल के अंत तक बिना मीटर वाले सभी उपभोक्ताओं के यहां मीटर लगा देना है.
पिछले दिनों बिजली कंपनी की उच्च स्तरीय बैठक में हुई समीक्षा में मीटर लगाने के अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया गया. पूर्व में राज्य के मुख्य सचिव अपनी समीक्षा बैठक में बिजली कंपनी के अधिकारी से कह चुके हैं की सभी घरों में बिजली मीटर हो. इससे बिजली खपत का सही-सही आकलन हो पायेगा और राजस्व भी आयेगा. राज्य में अब 92 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हो गये हैं.
2019 के अंत तक 50 लाख नया बिजली कनेक्शन देने का लक्ष्य बिजली कंपनी ने तय किया है. राज्य सरकार ने इस साल के अंत तक सभी गांवों में और अगले साल के अंत तक सभी घरों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा है. दोनों बिजली वितरण कंपनी का मानना है कि शत-प्रतिशत घरों में मीटर लग जाने से कंपनी के राजस्व में भी इजाफा होगा.
आमतौर पर बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत रहती है कि उन्हें सही और समय पर बिजली बिल नहीं मिलता है. मुख्यमंत्री भी कई बार कह चुके हैं कि बिजली बिल दुरुस्त रहना चाहिए. उदय योजना के तहत 2019 तक बिजली कंपनी को आत्मनिर्भर हो जाना है, लेकिन सरकार अभी भी करोड़ों रुपया बिजली कंपनी को सहायता के रूप में देती है. हर महीने बिजली कंपनी जितनी की बिजली खरीदती है उतना पैसा भी उपभोक्ताओं से नहीं मिल पाता है.
बिजली बिल पर कंपनी की जीरो टॉलरेंस नीति
बिजली कंपनी बिजली बिल के मामले में जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. अनुमंडल स्तर पर महीने की 15 तारीख को विशेष कैंप का आयोजन होगा. बिजली कंपनियों का प्रयास है कि उपभोक्ताओं को सही बिल मिले. ताकि उपभोक्ताओं को कोई शिकायत नहीं हो. इसी के तहत जिन उपभोक्ताओं के घरों में मीटर नहीं है वहां मीटर लगाया जायेगा. किसानों के लिए प्री पेड मीटर की व्यवस्था हो रही है. बिजली कंपनी ऑनस्पॉट बिलिंग की दिशा में काम कर रही है.
मीटर को सॉफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है ताकि ऑनस्पाट बिलिंग हो सके. हर घर में मीटर लग जाने से ऑनस्पॉट बिलिंग में सुविधा होगी. खराब मीटर को बदला जा रहा है. कंपनी अपने खर्च पर मीटर दे रही है. किस्तों में राशि उपभोक्ताओं से ली जायेगी.