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रायगंज कांड की आंच पहुंची बालूरघाट
बालूरघाट. रायगंज के आदिवासी महिला के साथ अत्याचार कांड की आंच बालूरघाट तक पहुंची. आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग पर सोमवार को हजारों की संख्या में आदिवासियों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही आक्रोशित आदिवासियों ने मंत्री बाच्चू हांसदा […]
बालूरघाट. रायगंज के आदिवासी महिला के साथ अत्याचार कांड की आंच बालूरघाट तक पहुंची. आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने एवं दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग पर सोमवार को हजारों की संख्या में आदिवासियों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही आक्रोशित आदिवासियों ने मंत्री बाच्चू हांसदा का घेराव कर विरोध जताया. रायगंज की घटना को ध्यान में रखते हुए सोमवार को बालूरघाट में जिला प्रशासनिक भवन परिसर में प्रशासन की ओर से भारी पुलिस बल तैनात की गयी थी. गड़बड़ी से बचने के लिए मालदा से जल कमान व अतिरिक्त पुलिस बल मंगवाया गया था.
महिलाओं की सुरक्षा की मांग पर बालूरघाट रेलवे स्टेशन मैदान से आदिवासियों ने एक जुलूस निकाला. यह जुलूस पूरे शहर की परिक्रमा कर जिला प्रशसनिक भवन के सामने पहुंचा. आदिवासी तीर धनुष, कुल्हाड़ी, हंसुआ, भाले के साथ जिला प्रशासनिक भवन पहुंचे एवं विरोध प्रदर्शन करने लगे. साथ ही जिला प्रशासनिक भवन में उपस्थित उत्तर बंग उन्नयन विभाग के राज्यमंत्री बाच्चू हांसदा का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया. शाम साढ़े तीन बजे से यह विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ जो शाम छह बजे तक चला. इधर, आदिवासियों के घेराव को ध्यान में रखते हुए खुद जिला पुलिस अधीक्षक प्रसून बनर्जी पुलिस बल का नेतृत्व कर रहे थे. घेराव, विरोध प्रदर्शन कर रहे आदिवासियों ने ज्ञापन देकर आंदोलन समाप्त किया.
आंदोलन में शामिल आदिवासी सेंगेल अभियान कमेटी ने आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने, रायगंज कांड में पीड़िताओं को मुआवजा देने की मांग की है. गौरतलब है कि राज्य में कुल 18 आदिवासी विधायक होने के बावजूद रायगंज की घटना को लेकर किसी के सामने नहीं आने से आदिवासियों में रोष है.
क्या है मामला
गौरतलब है कि गत 9 जुलाई को उत्तर दिनाजपुर जिले क रायगंज बस स्टैंड के वेटिंग रूम से एक शिक्षिका समेत चार आदिवासी महिलाओं को हथियार की नोंक पर कुछ बदमाश जबरन उठा ले गये एवं इनके साथ करीब दो घंटे तक अत्याचार किया गया. यहां तक कि इस घटना के बाद दो आदिवासी नाबालिग लापता हो गयीं. इसके बाद आदिवासी महिलाओं की सुरक्षा एवं दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने की मांग पर आदिवासियों ने गत 14 जुलाई को रायगंज थाने का घेराव किया. इस दिन थाना घेराव को लेकर रायगंज में तनाव फैल गया. दुकानों में तोड़फोड़ की गयी एवं आग लगा दी गयी. दोषियों की गिरफ्तारी की मांग पर आदिवासी अड़े रहे. रायगंज में शांति कायम करने के लिए वहां के प्रशासन के साथ तीन आदिवासी मंत्रियों ने बैठक की. इसके बाद आदिवासियों की सुरक्षा व दोषियों की गिरफ्तारी की मांग पर सोमवार को दक्षिण दिनाजपुर जिला प्रशसनिक भवन के सामने विरोध प्रदर्शन किया.
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