सुपौल : शराबबंदी के बाद भी जिलेभर में चोरी छिपे शराब का अवैध कारोबार बदस्तूर जारी है. स्थिति ऐसी है कि शराबबंदी के बाद से अब तक सैकडों लोगों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा जा चुका है. साथ ही हजारों लीटर देसी, विदेशी व चुलाय शराब को जब्त भी किया गया है.
वहीं इस दिशा में प्रशासन की कार्रवाई का भय कारोबारियों पर नहीं रहने के कारण व्यापक पैमाने पर गिरफ्तारी व जब्ती कहीं ना कहीं शराब की अवैध कारोबार की सक्रियता को उजागर कर रही है. उत्पाद विभाग से मिले आंकड़ों के मुताबिक 14 जुलाई तक विभाग द्वारा तीन हजार 132 जगहों पर छापेमारी की गयी. जिसमें 361 मामले भी दर्ज किये गये हैं. साथ ही 458 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है. जिसमें महिला व पुरुष दोनों शामिल हैं. विभागीय आंकड़े के मुताबिक तकरीबन तीन हजार 568 लीटर देसी शराब, 272 लीटर चुलाय शराब, 673 लीटर विदेशी शराब, छह लीटर बीयर, दो हजार 665 लीटर छौआ, 14 किलो गांजा, 17 साइकिल, 17 बाइक, एक ऑटो व पांच नाव शामिल है.
कारोबार में कुरियर की भूमिका अहम
सूत्रों का मानना है कि शराब के अवैध धंधे में एक गिरोह सक्रिय ढंग से काम करता है. साथ ही इस धंधे में काम करने के चार तरीके आजमाये जाते हैं. पहला तरीका शराब के स्टॉक में लगाने वाले पूंजी तक ही सीमित है. इसके बाद दूसरे स्टेज में शराब को बाहरी प्रदेश से खरीद करने वाले की भूमिका सबसे अहम होती है, जो दूसरे राज्य से शराब की खरीदारी कर गंतव्य तक पहुंचाता रहा है. तीसरे स्टेज में पहले से तय स्थानीय स्तर पर बेचने वाले से रकम लेकर उसे शराब का डिलेवरी की जाती है. लोगों की माने तो स्थानीय स्तर पर कार्यरत विक्रेता जिसे बुकर कहा जाता है. शराब को ऐसे स्थान पर छिपा कर रखता है, जिसकी जानकारी किसी को नहीं होती. वहीं चौथे चरण में यानी अंतिम तरीके में बुकर अपने जिम्मे शराब बेचने वाले कुरियर के माध्यम से शराब को डोर टू डोर बेचने की प्रक्रिया अपनाता है. जिसका संचालन खुद और कई जगहों पर कुरियर द्वारा संचालित होता है.
उपलब्ध संसाधन से शराब बिक्री पर रोक लगाने का प्रयास जारी है. अधिकारी की कमी है बावजूद अब तक अनेकों जगहों पर छापेमारी कर कई गिरफ्तारी की गयी है. धंधे मे जुड़े तमाम कड़ियों पर विभाग की पैनी नज़र है.
किशोर शाह , उत्पाद अधीक्षक, सुपौल