17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

राजापुर: गलत तरीके से आवास भत्ता उठाने का मामला, घोटाला उजागर करने वाले अधिकारी का किया तबादला

झरिया: आवास भत्ता घोटाले के आरोपी राजापुर पीओ विंध्याचल सिंह मामले की लीपापोती में जुट गये हैं. क्षेत्रीय स्तर से बीसीसीएल मुख्यालय स्तर तक पैरवी चल रही है. क्षेत्र के कई वरीय अधिकारी व चहेते यूनियन नेता भी पीओ को बचाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. प्रभात खबर ने शुक्रवार के अंक में […]

झरिया: आवास भत्ता घोटाले के आरोपी राजापुर पीओ विंध्याचल सिंह मामले की लीपापोती में जुट गये हैं. क्षेत्रीय स्तर से बीसीसीएल मुख्यालय स्तर तक पैरवी चल रही है. क्षेत्र के कई वरीय अधिकारी व चहेते यूनियन नेता भी पीओ को बचाने की जी तोड़ कोशिश कर रहे हैं. प्रभात खबर ने शुक्रवार के अंक में गड़बड़ी की खबर प्रकाशित की थी. इसमें पीओ द्वारा अवैध ढंग से चार लाख रुपये आवास भत्ता लेने का जिक्र था. खबर छपने के बाद आज बस्ताकोला क्षेत्र में चर्चा का बाजार गर्म रहा.
मजदूरों की जुबान पर सिर्फ एक ही बात थी कि घोटाले का मास्टरमाइंड कौन है. क्या पीओ पर कार्रवाई होगी ? इधर, मामले में एक अहम जानकारी सामने आयी है. घोटाले का राजफाश करने तथा भुगतान पर रोक लगाने वाले बस्ताकोला क्षेत्र के वित्त प्रबंधक एके चौधरी का प्रबंधन ने तबादला कर दिया है. शाबाशी की बजाय इन पर स्थानांतरण की गाज गिरने से ईमानदार अधिकारी अचंभित हैं.

कहा जा रहा है कि श्री चौधरी द्वारा मामले का खुलासा करने व आवास भत्ता भुगतान पर रोक लगाने के बाद वित्त प्रबंधक व पीओ के बीच कहासुनी भी हुई थी. इसके बाद क्षेत्रीय प्रबंधन ने श्री चौधरी का स्थानांतरण करने के लिए एरिया स्तर से नोटशीट बना कर मुख्यालय भेज दिया. चार जुलाई को मुख्यालय से तबादला आदेश निर्गत हो गया. आदेश में 11 जुलाई तक कोयला भवन में योगदान देने को कहा गया था.

आदेश में किया परिवर्तन : प्रबंधन ने बाद में रिलीज आदेश में परिवर्तन करते हुए उन्हें एक अगस्त से बस्ताकोला क्षेत्र से कोयला भवन में योगदान देने काे कहा है. हालांकि अकाउंट्स क्लीयरेंस के चलते श्री चौधरी फिलहाल क्षेत्रीय कार्यालय में ही सेवा दे रहे हैं. जब वित्त प्रबंधक ने इस बारे में पूछने पर कहा कि नौकरी में तबादला होता रहता है. जहां भी रहेंगे, गलत कार्य का विरोध करेंगे.
पीओ की पदस्थापना पर उठ रहे सवाल
घोटाले का खुलासा होने के बाद अब राजापुर पीओ के पदस्थापन पर भी सवाल उठने लगे हैं. जमसं (कुंती) गुट के शाखा सचिव हरेराम सिंह ने कहा कि एरिया प्रबंधन के साथ पीओ की सांठगांठ की जांच होनी चाहिए, क्योंकि मामला उजागर होने के बाद नेताओं व वरीय अधिकारियों का एक तबका दबाने का प्रयास कर रहा है. शिमलाबहाल कोलियरी में कई लोगों को इसकी जिम्मेवारी सौंपने की चर्चा है. जानकारों का कहना है कि पीओ का कोयला भवन मुख्यालय, क्षेत्रीय कार्यालय के अधिकारियों व कुछ स्थानीय मजदूर नेताओं के साथ मधुर सबंध है. पीओ मजदूरों का बार-बार तबादला कर उन्हें परेशान करते हैं. आरोप है कि तबादला रोकने के लिए चहेते नेताओं के मार्फत कर्मियों से वसूली की जाती है. कर्मियों का कहना है कि अब गेंद विजिलेंस के पाले में है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें