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नीरज हत्याकांड में बचाव पक्ष ने किया पुलिस पेपर रिसीव, कमिटमेंट पर सुनवाई 25 को

धनबाद: धनबाद नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में सुनवाई शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में हुई. अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने पुलिस पेपर रिसिव कर लिया. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 25 जुलाई तय की है. अदालत में विधायक […]

धनबाद: धनबाद नगर निगम के पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या मामले में सुनवाई शुक्रवार को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी राजीव रंजन की अदालत में हुई. अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने पुलिस पेपर रिसिव कर लिया. अदालत ने सुनवाई की अगली तिथि 25 जुलाई तय की है. अदालत में विधायक संजीव सिंह के अधिवक्ता जावेद ने कहा कि मुझे पुलिस पेपर में मोबाइल का टावर लोकेशन व साईट प्लान नहीं दिया गया है.

डब्लू मिश्रा व धनजी के अधिवक्ता देवीशरण सिन्हा व पंकज प्रसाद ने पुलिस पेपर अवलोकन करने के लिए समय की मांग करते हुए अपना पक्ष रखा. जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह के अधिवक्ता जया कुमार व संजय सिंह के अधिवक्ता मनोज सिन्हा भी अदालत में मौजूद थे. अदालत द्वारा 25 जुलाई को केस का कमिटमेंट करने की संभावना जतायी जा रही है. पिछली तीन तिथियों से पुलिस पेपर का पार्टली रिसिव का खेल चलता रहा, जो शुक्रवार को पूरा हो गया. विदित हो कि केस के आइओ निरंजन तिवारी ने 28 जून, 2017 को संजीव सिंह, डब्लू मिश्रा, धनजी उर्फ धनंजय सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू सिंह, संजय सिंह व शूटर अमन सिंह के खिलाफ चार्जशीट दायर किया.

रंगदारी मामले में डिप्टी मेयर नहीं हुए हाजिर : मारपीट कर रंगदारी मांगने के मामले की सुनवाई शुक्रवार को न्यायिक दंडाधिकारी सुरेंद्र बेदिया की अदालत में हुई. अदालत में डिप्टी मेयर एकलव्य सिंह उर्फ छोटे सिंह गैर हाजिर थे. उनकी ओर से अधिवक्ता ने दप्रसं की धारा 317 का आवेदन दिया. अभियोजन की ओर से कोई गवाह प्रस्तुत नहीं किया गया. अदालत ने साक्ष्य के लिए अगली तिथि 01 अगस्त, 2017 निर्धारित कर दी. विदित हो कि दो नवंबर, 2010 को सुबह साढ़े नौ बजे अशोक सिंह अपने भतीजा अनिल सिंह के साथ शिमला बहाल कोलियरी ऑफिस के पास पहुंचे. वहां पहले से स्कार्पियों पर बैठे लोगों ने अशोक सिंह को घेर लिया. आरोप है कि एकलव्य सिंह ने पिस्टल निकाल कर सटा दिया और बोला कि इतने दिनों से डीओ का माल उठा रहे हो एक लाख रुपया क्यों नहीं दिया? जब श्री सिंह ने विरोध किया, तब उनके साथ मारपीट की गयी. अब तक इस केस में नौ लोगों की गवाही हो चुकी है. अशोक सिंह (बोर्रागढ़) की शिकायत पर बोर्रागढ़ ओपी (झरिया थाना) में एकलव्य सिंह, मिथलेश सिंह, राजू सिंह, शिवा यादव, मनोज पासवान, शशिकांत सिंह समेत सात लोगों के विरुद्ध कांड संख्या 364/10 के तहत मामला दर्ज किया गया.
सीबीआइ जज कुमार दिनेश हुए प्रभार मुक्त : झारखंड उच्च न्यायालय ने सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश तृतीय कुमार दिनेश को प्रभार मुक्त करने का आदेश दिया है. अब वे सीबीआइ केस की सुनवाई नहीं करेंगे. इस संदर्भ में माननीय उच्च न्यायालय ने अपने मेमो नंबर 3240 दिनांक 20 जुलाई, 2017 के माध्यम से प्रधान जिला व सत्र न्यायाधीश सूचित किया है. पीडीजे के निर्देश पर निबंधक विनोद कुमार ने सीबीआइ को अपने आदेश संख्या 255/17 के तहत सूचना दे दी है.
पत्नी की हत्या में पति दोषी, सजा 26 को : दहेज के लिए पत्नी की गला दबा कर हत्या करने के मामले में शुक्रवार को अपर जिला व सत्र न्यायाधीश पंद्रह सुधांशु कुमार शशि की अदालत ने जेल में बंद निरसा निवासी एनुल अंसारी को भादवि की धारा 304 (बी) में दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया. सजा की बिंदू पर फैसला 26 जुलाई, 2017 को सुनाया जायेगा. बताते हैं कि एनुल अंसारी की शादी हेलीमा खातून के साथ वर्ष 2012 में हुई थी. शादी के बाद वह अपने ससुराल गयी. 10 मार्च, 2013 को एनुल ने अपनी पत्नी को गला में रस्सी बांध हत्या कर दी. मृतका के पिता ने निरसा थाना में कांड संख्या 68/13 दर्ज कराया.
जमानत मिलने के बाद डिक्की, प्रिंस व बंटी गये जेल : चहारदीवारी का निर्माण कार्य बंद कराते हुए रंगदारी मांगने के मामले में आरोपित डिक्की खान, प्रिंस खान व बंटी खान ने शुक्रवार को सीजीएम राजीव रंजन की अदालत में सरेंडर किया. जमानत अर्जी दायर की. अदालत में बचाव पक्ष के अधिवक्ता उदय भट्ट ने बहस की. अदालत ने आरोपियों को जमानत दे दी. लेकिन बेलर नहीं रहने के कारण बंधपत्र नहीं भरा जा सका और तीनों जेल भेजे गये. 10 जुलाई, 2017 को आरोपितों ने घटना को अंजाम दिया था. मो शाहीद ने बैंकमोड़ थाना में आठ लोगों के खिलाफ कांड संख्या-151/17 दर्ज कराया.
एससीएल सर्विंस सेंटर को भुगतान का आदेश : जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष नित्यानंद सिंह और सदस्यद्वय पुष्पा सिंह व नरेश प्रसाद सिंह की तीन सदस्यीय पीठ ने शुक्रवार को विपक्षी संख्या-2 बैंकमोड़ के विकास नगर स्थित एससीएल सर्विस सेंटर (सर्वोच्चा कंप्यूटर) को 60 दिनों के अंदर परिवादी को छह हजार रुपये क्षति एवं वाद खर्च के रूप में भुगतान करने का निर्देश दिया.
साथ ही फोरम ने विपक्षी संख्या-1 मनीष आनंद, एमडी, एचसीएलए, नोएडा (यूपी) को परिवादी को उसी क्वालिटी का नया टेबलट उपलब्ध कराने अथवा उसका मूल्य 8,150 रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया. ऐसा नहीं करने पर 60 दिनों के बाद इस रकम पर 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ भुगतान करना होगा.

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