वाशिंगटनः अमेरिकी कांग्रेस की एक प्रभावशाली समिति का मानना है कि भारत ने अपनी अर्थव्यवस्था, विशेषतौर से विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए जिन कई नीतियों को अपनाया है, वह सभी अमेरिका के निर्यात और निवेश के प्रति भेदभावपूर्ण हैं. वार्षिक विनियोग विधेयक 2018 के साथ पेश की गई कांग्रेस की विनियोग समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत अपनी आर्थिक वृद्धि को बेहतर करने के प्रयासस्वरूप ऐसी कई नीतियों को अपना रहा है, जो अमेरिकी निर्यात और निवेश के प्रति भेदभावपूर्ण हैं. भारत घरेलू स्तर पर विनिर्माण गतिविधियों में तेजी लाने, घरेलू उद्योगों को सुरक्षित करने और कृषि उत्पादन बढाने के क्षेत्र में कई नीतियां बना रहा है, जो कि अमेरिकी निर्यात और निवेश के प्रति भेदभाव पूर्ण हैं.
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यह रिपोर्ट कांग्रेस की वाणिज्य, न्याय, विज्ञान और संबंधित एजेंसियों की विनियोग उप-समितियों ने तैयार की है. इन उपसमितियों के अधिकार क्षेत्र में वह सभी एजेंसियां आतीं हैं, जो हिंसक अपराध, नशीले पदार्थों की तस्करी, वित्तीय धोखाधड़ी, आतंकवादी, साइबर अपराध, व्यापार कानूनों का प्रवर्तन, मौसम की भविष्यवाणी, मछली पालन प्रबंधन और अंतरिक्ष तथा अग्रिम विज्ञान के क्षेत्र पर नजर रखतीं हैं.
भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के महत्व को ध्यान में रखते हुए विनियोग समिति ने अपनी रिपोर्ट में बौद्धिक संपदा सुरक्षा मानकों और जबरन स्थानीयकरण उपायों को लेकर चिंता जतायी है. इस प्रभावशाली समिति ने अमेरिका में उत्पादित बोरिक एसिड के निर्यात, अमेरिका में उत्पादित बादाम की भारत में तस्करी और उनकी अवैध तरीके से ब्रांडिंग तथा बाजार पहुंच से जुड़े कई अन्य मुद्दों को उठाया है.
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