जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर एक साल की साधारण कारावास काटनी होगी. अदालत ने फैसला सुनाये जाने के बाद सजायाफ्ता को जेल भेज दिया. अपर लोक अभियोजक पावेल कोनगाड़ी ने सजा के बिंदु पर अपना पक्ष रखा. 27 मई, 2014 को साढ़े सात बजे पीड़ित चापाकल पर पानी भरने गयी थी. जब वह घर नहीं लौटी, तो उसकी बहन खोजबीन करने लगी. खोजबीन के दौरान पाया गया कि पीड़िता के घर की बगल स्थित गायवाला घर में आरोपी पीड़िता से दुष्कर्म कर रहा है.
घटना के बाद पीड़िता के बयान पर जोड़ापोखर (सुदामडीह) थाना में मामला दर्ज किया गया. केस आइओ ने 30 जून, 14 को आरोप पत्र दायर किया. अदालत ने 13 अगस्त, 14 को आरोप गठित कर केस का विचारण शुरू किया. अभियोजन की ओर से श्री कोनगाड़ी ने सात गवाहों का मुख्य परीक्षण कराया.