नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का एक संयुक्त दल भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के प्रत्यर्पण पर काम कर रहे ब्रिटिश अभियोजन से बात करने और उन्हें इस मामले में ताजा सबूत सौंपने के लिए लंदन में हैं. माल्या जांच दल में एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियों के भ्रमणकारी अधिकारी मुंबई में पिछले महीने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर आरोपपत्र भी सौंपेगे. अधिकारी ने कहा कि भारतीय जांचकर्ता ‘क्राउन प्रोसीक्यूशन सर्विस’ (सीपीएस) के अधिकारियों को ईडी आरोपपत्र की सामग्री और सबूत के बारे में बतायेंगे. कुछ अन्य कानूनी विषयों पर भी चर्चा होगी. सीपीएस भारत सरकार की ओर से अदालत में दलीलें देगी.
अधिकारी ने कहा कि ईडी के कानूनी सलाहकार माल्या के खिलाफ लगे आरोपों, कुछ अन्य सबूतों, कुर्कियों और धन शोधन रोकथाम कानून की विभिन्न धाराओं के तहत दायर आरोपपत्र में मौजूद अन्य कानूनी बिंदुओं के बारे में विस्तृत रूप से बतायेंगे. ईडी कुछ खास लेनदेन और फर्जी कंपनियों की जांच के लिए फ्रांस, सिंगापुर, माॅरिशस, आयरलैंड, अमेरिका और यूएई जैसे देशों से सहयोग मांगेगा.
ईडी द्वारा दायर आरोपपत्र में नौ आरोपियों का नाम शामिल है जिसमें माल्या, किंगफिशर एयरलाइंस, यूनाइटेड ब्रेवरीज (होल्डिंग) लिमिटेड और अब भंग हो चुके एयरलाइन के वरिष्ठ कर्मचारी और अधिकारी तथा आईडीबीआई बैंक शामिल है. किंगफिशर एयरलाइंस की करीब नौ हजार करोड़ रुपये की ऋण चूक पर भारत में वांछित माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है और उसे 18 अप्रैल को प्रत्यर्पण वारंट पर स्काॅटलैंड यार्ड द्वारा गिरफ्तार किया गया था.