पटना : बिहार कैबिनेट की बैठक के बाद तेजस्वी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बंद कमरे में मुलाकात को सुलह कहने पर जदयू के तेवर तल्ख हो गये हैं. जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने मीडिया से बातचीत में साफ कहा कि तेजस्वी और नीतीश कुमार की मुलाकात एक औपचारिक मुलाकात थी, इसके कोई मायने और मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि जदयू आज भी अपने पूर्व के स्टैंड पर कायम है. उन्होंने कहा कि इस मामले को लेकर कंफ्यूजन जदयू में नहीं है. नीतीश कुमार की भ्रष्टाचार के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति है. पार्टी अपने नीति और नैतिकता के साथ पूर्व के स्टैंड पर कायम है. इससे पूर्व सीएम और डिप्टी सीएम की मुलाकात को लेकर कयास लगाये जा रहे थे कि महागठबंधन में सबकुछ सामान्य हो गया है.
गौरतलब हो कि होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई के छापे को लेकर सत्तारूढ़ जदयू और राजद के बीच बढ़ी कटुता के चरम सीमा पर पहुंच जाने की अटकलों के बीच उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता मेंमंगलवार को संपन्न मंत्रिपरिषद की बैठक में भाग लिया. नीतीश की मौजूदगी में गत 15 जुलाई को पटना में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम से तेजस्वी के गायब रहने से भी महागठबंधन में रार और गहरी हुई थी. पटना स्थित पुराने सचिवालय में आज शाम करीब एक घंटे तक चली राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद तेजस्वी मुख्यमंत्री के कक्ष मेंगये. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री और तेजस्वी के भाई तेज प्रताप यादव और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष तथा शिक्षा मंत्री अशोक चौधरी भी मुख्यमंत्री के कक्ष में मौजूद थे.
उनके बीच क्या बातचीत हुई इस बारे में बातें बाहर नहीं आ सकी है लेकिन इसे यह दिखाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है कि जदयू, राजद और कांग्रेस का महागठबंधन अटूट है. इससे पूर्व एकजुटताप्रदर्शित करने के लिए राजद के मंत्री आज एक बार फिर पटना के दस सकुर्लर रोड स्थित राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी के आवास पर इकठ्ठा हुए और साथ में मंत्रिपरिषद की बैठक में भाग लेने पहुंचे.
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