21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बच्चे को डॉ भारती ने दी रोशनी स्वास्थ्य मंत्री ने लिया गोद

रांची : प्रभात खबर द्वारा सीताडीह गांव को गोद लेने के बाद वहां की तसवीर बदलनी लगी है. कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल की डॉ भारती कश्यप ने जहां गांव के मासूम शिवधर महतो की आंखों में रोशनी लौटाने का काम किया है, वहीं स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने बच्चे को गोद लेकर मिसाल पेश की […]

रांची : प्रभात खबर द्वारा सीताडीह गांव को गोद लेने के बाद वहां की तसवीर बदलनी लगी है. कश्यप मेमोरियल आई हॉस्पिटल की डॉ भारती कश्यप ने जहां गांव के मासूम शिवधर महतो की आंखों में रोशनी लौटाने का काम किया है, वहीं स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने बच्चे को गोद लेकर मिसाल पेश की है.

सोमवार को श्री चंद्रवंशी से जब शिवधर ने मिल कर पढ़ने के लिए किताब की मांग की, तो वह भाव-विभोर हो गये. उन्होंने बच्चे को तुरंत चार हजार रुपये दिये. कपड़ा व किताब खरीदने का निर्देश दिया. इसके अलावा बच्चे को प्रतिमाह एक हजार रुपये शिक्षा ग्रहण करने में मदद करने का संकल्प भी लिया. बच्चे का बैंक खाता खोलने काे कहा, ताकि प्रतिमाह बच्चे के खाता में पैसा भेजा जा सके. स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने कहा कि प्रभात खबर द्वारा सीताडीह गांव को गाेद लेने को अच्छी पहल बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे सामाजिक कार्य में हम प्रभात खबर के साथ हैं.
शिवधर बनेगा इंजीनियर
सीताडीह गांव का शिवधर इंजीनियर बनेगा. वह अन्य बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगा. शिवधर को इंजीनियर बनाने का बीड़ा स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने स्वयं उठाया है. उन्होंने कहा है कि वह शिवधर को अपने कॉलेज से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवायेंगे. उसके पिता को इसके लिए कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ेगा. फीस से लेकर उसके रहने खाने की व्यवस्था ट्रस्ट के माध्यम से की जायेगी. पढ़ाई में उसे हम हरसंभव मदद करेंगे. 10 साल का होने के बाद उसे पढ़ाई के लिए अपने स्कूल ले जायेंगे. उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड के बच्चों के आंखों की स्क्रीनिंग करायी जायेगी.
दो साल की उम्र मेंं चली गयी थी रोशनी
शिवधर के पिता सेवा राम महताे ने बताया कि शिवधर जब दो वर्ष का था, तभी उसके आंखोंं की रोशनी चली गयी. शिवधर ने जब चलना शुरू किया, तो वह पेड़ से टकरा जाता था. इसके बाद पता चला कि उसकी आंखों में समस्या है. तीन साल की उम्र में परिजन उसे कश्यप मेमोरियल अस्पताल ले आये, लेकिन नंबर मिलने में देरी होने पर वह लौट कर चले गये. वह अभी आठ साल का है और गांव सीताडीह के सरकारी स्कूल में कक्षा तीन में पढ़ता है. लेकिन आंख में मोतियाबिंद होने के कारण वह लिख-पढ़ नहीं सकता है. पांच जुलाई को प्रभात खबर टीम द्वारा सीताडीह गांव को गोद लेने के दिन कश्यप मेमोरियल आई अस्पताल द्वारा मोतियाबिंद स्क्रीनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसमें 500 बच्चों के आंखों की जांच की गयी थी. इसमें तीन बच्चों में मोतियाबिंद पाया गया था. शिवराम महतो के परिजन 15 जुलाई को उसे लेकर कश्यप अस्पताल आये, जहां उसका ऑपरेशन किया गया.
आंखों की स्क्रीनिंग जरूरी : डॉ भारती
डॉ भारती कश्यप ने कहा कि बच्चों के आंखों की स्क्रीनिंग जरूरी है, क्योंकि हमारे देश में 1.4 मिलियन बच्चे दृष्टिहीन हैं. 16.6 प्रतिशत बच्चों को दृष्टिहीन होने से रोका जा सकता है. इसका सबसे बड़ा कारण मोतियाबिंद है. उन्होंने बताया कि राज्य के बच्चों के आंखों की मोतियाबिंद की स्क्रीनिंग व ऑपरेशन का कार्य वर्ष 2006 से कर रही है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें