नयी दिल्ली: अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र की नयी व्यवस्था जीएसटी संभवत: वाहन, सीमेंट और संगठित खुदरा क्षेत्र के लिए फायदेमंद हो सकती है, लेकिन तेल एवं गैस और लघु एवं मध्यम उद्योगों पर इसका नकारात्मक असर पड़ सकताहै. फिच रेटिंग्स ने मंगलवारको यह बात कही.
इसके उलट संपत्ति, बिजली, दूरसंचार, औषधि और उर्वरक क्षेत्र के मामले में जीएसटी का व्यापक तौर पर कोई प्रभाव नहीं होगा.
इसमें कहा गया है कि इस राष्ट्रीय सेवाकर का कुछ क्षेत्रों पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका के बावजूद उसकी कंपनियों को दी जाने वाली अंतरराष्ट्रीय स्तर की रेटिंग में किसी भी तरह का बदलाव आने की उम्मीद नहीं है.
रेटिंग एजेंसी के मुताबिक, नयी कर प्रणाली की जटिलताओं को अपनाने में अगले 12 महीने का समय लग सकता है. इससे क्रियान्वयन का जोखिम बना रहेगा, जिससे अनुपालन कमजोर बना रहेगा.
विशेषतौर से परंपरागत खुदरा कारोबार और लघु एवं मझौले क्षेत्र में यह स्थिति बनी रहेगी. उल्लेखनीय है कि माल एवं सेवाकर (जीएसटी) को देश में एक जुलाई से लागू किया गया है.
इसमें केंद्र और राज्यों के स्तर पर लगने वाले कई अप्रत्यक्ष करों को समाहित किया गया है. कुल मिलाकर उत्पाद शुल्क, सेवाकर और वैट सहित इसमें विभिन्न 17 करों को समाहित किया गया है.
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