इसके साथ एक माह तक क्षेत्र में रोज माता का विधिवत पूजन होगा. श्रद्धालु जगतराम साह कर्णपुरी ने बताया कि सती नारियों के इतिहास में सती बिहुला का अपना स्थान है. 17 अगस्त से 19 अगस्त तक भागलपुर शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में पारंपरिक, धार्मिक व सांस्कृतिक माहौल में बिहुला-विषहरी की पूजा होती है. इस मौके पर अध्यक्ष संजय कुमार, सचिव रामशरण दास, कोषाध्यक्ष अशोक लाल, गौरीशंकर एवं अन्य श्रद्धालु मौजूद थे.
विषहरी की पहली डलिया पूजा
भागलपुर: जिले में सोमवार को अंग जनपद की लोकगाथा बिहुला-विषहरी पूजन की पहली व छोटी डलिया चढ़ायी गयी. इसी के साथ अंग जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में गीत गूंजने लगे. सोमवार को दिन भर महिलाओं ने व्रत कर शाम को मंदिर में माता विषहरी को पहली डलिया चढ़ाने के बाद ही भोजन ग्रहण किया. 17अगस्त […]
भागलपुर: जिले में सोमवार को अंग जनपद की लोकगाथा बिहुला-विषहरी पूजन की पहली व छोटी डलिया चढ़ायी गयी. इसी के साथ अंग जनपद के विभिन्न क्षेत्रों में गीत गूंजने लगे. सोमवार को दिन भर महिलाओं ने व्रत कर शाम को मंदिर में माता विषहरी को पहली डलिया चढ़ाने के बाद ही भोजन ग्रहण किया.
17अगस्त को महिलाएं बड़ी डलिया चढ़ायेंगी. इससे पहले कुम्हार के घर से लाया गया कच्चा मिट्टी का बारी -कलश स्थापित कर दिया गया. कलश को लेकर भक्तों ने नगर भ्रमण किया. पंडित संतोष झा ने वैदिक विधि-विधान से पूजन कराया. परंपरा के अनुसार क्षेत्र की महिलाओं ने डलिया चढ़ाने के साथ-साथ बिहुला-विषहरी का गीत गाया.
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