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मिला आश्वासन: पार्षदों ने डीआइजी व डीएम से की मुलाकात, जांच पूरी होने तक गिरफ्तार नहीं किये जायेंगे वार्ड पार्षद
मुजफ्फरपुर: नगर निगम में राजनीति फिलहाल रुकती नहीं दिख रही है. डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला दो दर्जन से अधिक पार्षदों के साथ सोमवार को डीआइजी अनिल कुमार सिंह व डीएम धर्मेंद्र सिंह से मिले. उनके निशाने पर नगर आयुक्त रमेश रंजन प्रसाद थे. डीआइजी ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने तक किसी […]
मुजफ्फरपुर: नगर निगम में राजनीति फिलहाल रुकती नहीं दिख रही है. डिप्टी मेयर मानमर्दन शुक्ला दो दर्जन से अधिक पार्षदों के साथ सोमवार को डीआइजी अनिल कुमार सिंह व डीएम धर्मेंद्र सिंह से मिले. उनके निशाने पर नगर आयुक्त रमेश रंजन प्रसाद थे. डीआइजी ने पार्षदों को आश्वासन दिया कि जांच पूरी होने तक किसी की गिरफ्तारी नहीं होगी. पार्षदों का आरोप था कि जलापूर्ति योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा करने पर वे पार्षदों को निशाना बना रहे हैं. उनके खिलाफ झूठे केस करवा रहे हैं. ऐसे में यदि न्याय नहीं मिला, तो भविष्य में भला कौन भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायेगा?
पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल सबसे पहले डीआइजी अनिल कुमार सिंह से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा. 15 जुलाई को निगम बोर्ड की बैठक में हुए घटनाक्रम की जानकारी देते हुए मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की. कहा, घटना के वीडियो फुटेज देखने पर सच्चाई खुद-ब-खुद सामने आ जायेगी. किसी पार्षद ने नगर आयुक्त के साथ अभद्र व्यवहार नहीं किया था. बोर्ड की बैठक की प्रोसिडिंग बिना पार्षदों के हस्ताक्षर के तैयार कर लिये जाने का वे लोकतांत्रिक तरीके से विरोध कर रहे थे. इसके लिए उन्हें निशाने पर लिया जा रहा है. पुलिस के माध्यम से उन्हें परेशान करवाया जा रहा है. डीआइजी ने मामले की निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया.
पाषर्द बोले, वार्डों में समान विकास के लिए डीएम करें पहल
इसके बाद डिप्टी मेयर के नेतृत्व में पार्षदों का प्रतिनिधिमंडल डीएम धर्मेंद्र सिंह से मिलने उनके कार्यालय पहुंचा. नगर आयुक्त पर भ्रष्टाचार में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की. इस दौरान डीएम ने नगर निगम के बिगड़े माहौल के लिए पार्षदों की भूमिका पर सवाल उठाये. कहा कि शहर के विकास के लिए मिलजुल कर काम करें. इस पर पार्षदों ने कहा कि हम शहर के विकास के लिए मिलजुल कर काम करने के लिए तैयार हैं. पर, इसके लिए आपको (डीएम) पहल करनी चाहिए. हम वार्ता के लिए तैयार हैं. पर, विकास सभी वार्डों में समान होना चाहिए. जितनी राशि आती है, उसका बंटवारा एक समान सभी 49 वार्डों में होना चाहिए.
एसएसपी को मामले की जांच करवाने का निर्देश दिया गया है. डीएसपी इसकी जांच करेंगे. जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, किसी पार्षद की गिरफ्तारी नहीं होगी.
अनिल कुमार सिंह, डीआइजी
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