परिवहन विभाग अपनी रसीद में दावा करता है कि रजिस्ट्रेशन और डीएल कार्ड ग्राहकों को 15 से 30 दिनों में दे देगा लेकिन वह चार से छह महीने के बाद मिलता है. बिहार राज्य परिवहन विभाग की इस लापरवाही की वजह से एक और जहां वाहन चालकों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है वहीं दूसरी और अपने गैर जिम्मेदाराना हरकत से राजस्व में निरंतर कमी का सामना करना पड़ रहा है. जिस कंपनी को टेंडर दिया गया है. वह स्मार्ट कार्ड उपलब्ध नहीं करा पा रही है.
इसलिए स्मार्ट कार्ड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है. डीटीओ अजय ठाकुर कहते हैं कि कार चालकों के लिए लगभग बैकलॉग खत्म हो गया है वहीं दो पहिया वाहन चालकों के लिए इसी महीने तक बैकलॉग खत्म करने की कोशिश है.