पटना : पटना जिले में राशन कार्ड बनने का काम दिसंबर, 2016 में पूरा कर लिया जाना था. अफसरों की सुस्ती के चलते जून खत्म को है, पर अब तक राशन कार्ड बनाने का काम पूरा नहीं हो सका है. जो भी राशन कार्ड बने हैं उनमें कई पर मृतकों के नाम भी दर्ज हैं. जिला प्रशासन द्वारा इसकी तहकीकात के लिए घर-घर सर्वे कराया जा रहा है. सर्वे में अब तक 44,808 कार्ड फर्जी हैं. ऐसे सभी राशन कार्ड रद्द कर दिये गये हैं.
आॅनलाइन होगा राशन कार्ड : राशन बनाने का काम पटना जिले में चल रहा है. इसके लिए आवेदक को अनुमंडल कार्यालय के लोक शिकायत निवारण केंद्र में आवेदन जमा कराना है. इसके बाद उसे ऑनलाइन किया जा रहा है. नया कार्ड बनाने के लिए आवेदकों के पास आधार कार्ड जरूरी है. अब कार्डधारकों को पॉश मशीन के माध्यम से राशन कार्ड मिलेगा. जिसका रिकाॅर्ड पटना जिले के लगभग 2500 डीलरों को रखना पड़ेगा.
लाभुकों को मिलता है इतना राशन : पीएचएस यानी पूअर हाउस होल्डर को दो किलो गेहूं, तीन किलो चावल एवं ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को ढाई लीटर केरोसिन और शहरी क्षेत्र के कार्डधारियों को एक लीटर केराेसिन दिया जाता है.
10 लाख 11 हजार हैं कार्डधारी
पटना जिले में कार्डधारियों की संख्या 10 लाख 11 हजार 791 है, जिसमें पटना ग्रामीण में पांच लाख 35 हजार 655, ग्रामीण-शहरी क्षेत्र में एक लाख 28 हजार 815 एवं पीएमसी में तीन लाख 47 हजार 321 है. इसमें से कई लोग फर्जी तरीके से कार्ड बना कर उसका लाभ उठा रहे हैं.
धीमी है रफ्तार
सर्वे का काम मई में ही पूरा करने का टारगेट था, लेकिन नगर निगम चुनाव के कारण काम धीमा हो गया. ब्लॉक स्तर व नगर पंचायत स्तर पर राशन कार्ड सत्यापन के लिए टीम गठित की गयी है, जो घर-घर जाकर कार्डधारियों का सत्यापन कर रही है. उन्हीं की रिपोर्ट के आधार पर नोटिस दिया जा रहा है.
राशन कार्डधारियों के सत्यापन का काम चल रहा है. सर्वे में 44808 परिवारों को नोटिस के बाद कार्ड रद्द किया गया.
आलोक कुमार, अनुमंडल पदाधिकारी, पटना सदर
राशन कार्ड बनाने का काम तेजी से चल रहा है. फर्जी कार्डधारकों को नोटिस देकर उनके कार्ड रद्द किये जा रहे हैं. सत्यापन के लिए ब्लॉक स्तर पर टीम गठित है.
अजय कुमार, आपूर्ति, एडीएम