सोनो : पुलिस द्वारा पुष्टि नहीं किये जाने के बावजूद नक्सली सुरंग यादव के सरेंडर की उड़ती खबर के बीच अब इस बात को लेकर अटकले लगायी जा रही हैं कि सुरंग ने आखिर कैसे व किन परिस्थितियों में सरेंडर किया है. क्या यह जिला पुलिस व सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयास का परिणाम है. चिराग दा के मारे जाने के बाद सुरंग पर संगठन द्वारा बड़ी जिम्मेदारी मिली थी. क्षेत्र में लगातार हो रही नक्सली बैठकों में सुरंग के होने की सूचना पुलिस को मिल रही थी.
यानी हाल के दिनों में सुरंग संगठन में काफी सक्रीय था. फिर ऐसा क्या हुआ कि उसने पुलिस के समक्ष सरेंडर कर समाज की मुख्य धारा में लौटने का मन बनाया. कयास यह भी लगाया जा रहा है कि संगठन के बड़े सदस्यों को समाज की धारा से जोड़ने के पुलिस की योजना के तहत जिला पुलिस इस कार्य में सक्रिय थी, जिसका परिणाम सकारात्मक रहा.