सिमराही : बिहार में लॉटरी पर प्रतिबंध के बावजूद राघोपुर प्रखंड क्षेत्र में अवैध लॉटरी का कारोबार पिछले कई महीनों से धड़ल्ले से चल रहा है. प्रखंड क्षेत्र के राघोपुर, सिमराही, मोतीपुर, करजाइन, गणपतगंज, हुलास आदि स्थानों पर सिक्किम एवं नागालैंड स्टेट लॉटरी की टिकट खुलेआम बेची जा रही है. बावजूद प्रशासन तमाशाबीन बन बैठी है.
जबकि इस धंधे में फंस कर क्षेत्र के दर्जनों घरों के सैकड़ों लोग अपना सब कुछ लुटा चुके हैं. जल्द करोड़पति बनने की चाहत में लोग इस कदर फंस रहे हैं कि लॉटरी खरीदने वालों की संख्या में दिनों-दिन बढ़ोतरी होती जा रही है. अब इसकी लत में धीरे-धीरे युवा पीढ़ी भी फंसने लगी है. लोगों को मानें तो अब तक सैकड़ों लोग इस लॉटरी की चक्कर में अपना सब कुछ गंवा चुके हैं. सूत्रों की माने तो इस अवैध लॉटरी के कारोबार के पीछे बड़े लोगों का हाथ के साथ प्रशासनिक सहयोग भी प्राप्त है. इसलिए लॉटरी के कारोबारियों पर पुलिस भी हाथ डालने से बच रही है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रखंड में रोजाना लगभग पांच से सात लाख तक का कारोबार होता है.
कहते हैं लोग: समाजसेवी विनय भगत बताते हैं कि लॉटरी के इस व्यवसाय से जुड़े लोग जो कल तक दाने-दाने को मोहताज थे. आज रइशी की जीवन व्यतीत कर रहे हैं. जबकि लॉटरी की लत में फंस कर कई युवा अर्श से फर्श पर पहुंच चुके हैं. बताया कि ऐसे कई युवा है जो लॉटरी की लत के कारण अपना सब कुछ गंवा कर डिप्रेशन की जिंदगी गुजार रहे हैं. बावजूद प्रशासन लॉटरी के इस अवैध कारोबार पर नकेल कसने में विफल रही है. सिमराही निवासी जयश्री जायसवाल अपनी व्यथा सुनाते गमगीन हो जाते हैं. कहते हैं कल तक हमारा जीवन-यापान व्यवसाय से ठीक-ठाक चल रहा था. लेकिन मेरा पुत्र भी लॉटरी की मायाजाल में फंस कर सब कुछ लुटा दिया. अब स्थिति ऐसी हो गयी है कि परिवार का भरण-भोषण भी मुश्किल हो गया है. कई महिलाओं ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि शराब से भी बुरी लत लॉटरी की होती है. कहा कि पूर्व में सब कुछ ठीक-ठाक ही चल रहा था. लेकिन जब से हमारे घर के मुखिया को लॉटरी की लत लगी है. तब से परिवार की खुशहाल जिंदगी को लगता है किसी की नजर लग गयी है. कहा कि लॉटरी की लत के कारण परिवार में रोज मारपीट की घटना होती है. जिसका खामियाजा हम महिलाओं को भुगतना पड़ता है. उनलोगों ने बताया कि यहां कई परिवार है जिनका घर इस लॉटरी के चक्कर में पूरी तरह बरबाद हो चुका है. हाल यह है कि लॉटरी बाजार में कैंसर की तरह फैल गया है और इससे कई परिवार बुरी तरह बरबाद हो कर सड़क पर आ चुके हैं. शाम होते ही बाजार के चाय एवं पान की दुकान पर इन लॉटरियों की टिकट सरेआम बिकती है. लोगों का कहना है कि लॉटरी के गोरखधंधे में प्रशासन का भी हाथ है. लोगों का तर्क है कि बिना प्रशासन की सांठ-गाठ के लॉटरी खुले आम कैसे बेची जा सकती है.