लंदन : स्पेन की गार्बाइन मुगुरुजा ने शनिवार को यहां सेंटर कोर्ट में पांच बार की चैंपियन वीनस विलियम्स को आसानी से सीधे सेट में 6-4, 6-0 से शिकस्त देकर पहला विंबलडन महिला एकल ग्रैंडस्लैम खिताब अपनी झोली में डाला. मुगुरुजा ने शानदार खेल दिखाते हुए वीनस को 77 मिनट में पस्त कर उनकी इतिहास रचने की उम्मीद तोड़ दी और इस तरह वह विंबलडन जीतनेवाली दूसरी स्पेनिश खिलाड़ी बन गयी. वह दो साल पूर्व अपने पहले विंबलडन फाइनल में वीनस की बहन सेरेना से हार गयी थीं. मुगुरुजा की मौजूदा कोच कोंचिटा मार्टिनेज ने ही 1994 में विंबलडन में स्पेनिश झंडा लहराया था, जिसमें उन्होंने मार्टिना नवरातिलोवा को पराजित किया था.
इस 23 वर्षीय खिलाड़ी ने जीत के बाद कहा, ‘पहला सेट कठिन था. हम दोनों के पास काफी मौके थे. लेकिन, मुझे खुशी है कि मैंने मिले मौकों का फायदा उठाया.’ उन्होंने कहा, ‘दो साल पहले मैं सेरेना के खिलाफ फाइनल में हारी गयी थी और उसने मुझे कहा था कि एक दिन मैं खिताब जीतूंगी. आज अंतत: यह हो गया.’ वेनेजुएला में जन्मीं मुगुरुजा ने पिछले साल फ्रेंच ओपन ट्राॅफी जीती थी. यह उनका दूसरा ग्रैंडस्लैम खिताब है. उन्होंने इस तरह वीनस को ओपन युग में सबसे उम्रदराज विंबलडन चैम्पियन बनने से रोक दिया. वीनस ने आठ साल बाद विंबलडन के फाइनल में प्रवेश किया. वह छठा आॅल इंग्लैंड क्लब खिताब जीतने की उम्मीद लगायी थी. उन्होंने नौ साल पहले यहां अंतिम ट्राफी हासिल की थी.
वीनस ने काफी नर्वस खेल दिखाया जिससे उन्हें इस साल ग्रैंडस्लैम में दूसरी बार निराशा का मुंह देखना पड़ा. इससे पहले वह आॅस्ट्रेलियन ओपन के फाइनल में सेरेना से हार गयी थीं. वीनस ने कहा, ‘बधाई हो गार्बाइन. मैं जानती हूं कि तुमने कितनी मेहनत की. जो चीजें सेरेना करती हैं, मैंने वही करने का अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास किया, लेकिन मुझे लगता है कि और मौके मिलेंगे.’
पेरिस में अपना पहला ग्रैंडस्लैम खिताब जीतने के बाद मुगुरुजा के प्रदर्शन में काफी गिरावट आयी जिससे वह रैंकिंग में शीर्ष 10 से बाहर हो गयी. लेकिन, उन्होंने घास पर अपनी फार्म में वापसी की और अब अगले हफ्ते आनेवाली नयी रैंकिंग में उनका पांचवें स्थान पर पहुंचना तय है. आॅल इंग्लैंड क्लब में लगातार बूंदाबांदी से छत के नीचे फाइनल हुआ जिसे देखने के लिए रॉयल बाक्स में स्पेन के किंग जुआन कार्लोस और हालीवुड अभिनेत्री हिलेरी स्वांक बैठे थे. अपना नौंवा विंबलडन फाइनल खेल रही वीनस पहले सेट में क्रास कोर्ट विनर से 3-2 से आगे थी, लेकिन बाद में मुगुरुजा ने दो सेट प्वाइंट बचाकर इसे जीत लिया. फिर आसानी से दूसरा सेट एक भी गेम गंवाये बिना जीत लिया। जीतने के बाद वह घास पर लेट गयी और अपना रैकेट आसमान की ओर उठा दिया. जब 37 वर्षीय वीनस ने अपना पहला विंबलडन खिताब जीता था तो मुगुरुजा महज छह वर्ष की थी.