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श्यामलाल की हत्या से पहले एक सप्ताह तक रेकी की गयी

हत्याकांड. ईंट व पत्थर व्यवसायी श्यामलाल प्रसाद की हत्या का खुलासा गुमला : गुमला के डुमरडीह निवासी ईंट व पत्थर व्यवसायी श्यामलाल प्रसाद की हत्या गोली मार कर नहीं की गयी थी, बल्कि अपराधियों ने टांगी से मार कर हत्या की थी. जिस समय श्यामलाल पर प्रदीप गोप टांगी से हमला किया, तो उन्होंने बचाने […]

हत्याकांड. ईंट व पत्थर व्यवसायी श्यामलाल प्रसाद की हत्या का खुलासा
गुमला : गुमला के डुमरडीह निवासी ईंट व पत्थर व्यवसायी श्यामलाल प्रसाद की हत्या गोली मार कर नहीं की गयी थी, बल्कि अपराधियों ने टांगी से मार कर हत्या की थी. जिस समय श्यामलाल पर प्रदीप गोप टांगी से हमला किया, तो उन्होंने बचाने के लिए आवाज लगायी थी, लेकिन कोई आगे नहीं आया. कुछ लोगों ने पूरे घटनाक्रम को देखा था, लेकिन डर से सभी भाग गये.
इसका खुलासा पुलिस की गिरफ्त में आये प्रदीप गोप व चेतन मिश्र के बयान से हुआ. पुलिस दोनों को थाने में रख कर पूछताछ कर रही है. पुलिस के अनुसार, पूर्व अपराधी शंकर प्रधान ने प्रदीप गोप को श्यामलाल की हत्या के लिए हायर किया. इसके बाद प्रदीप ने अपने दो साथी चेतन मिश्र व राजेश लोहरा से मिल कर हत्या की योजना बनायी. इसमें तय हुआ था कि श्यामलाल की हत्या के बाद प्रथम किस्त में पांच लाख रुपया दिया जायेगा. प्रदीप ने अपने साथियों को कहा था कि श्यामलाल की हत्या के बाद हमलोग मालामाल हो जायेंगे. इसके बाद प्रदीप, चेतन व राजेश ने एक सप्ताह तक डुमरडीह में श्यामलाल की रेकी की. आठ जुलाई की सुबह साढ़े छह बजे जब श्यामलाल स्कूटी से अरमई भट्ठा गये, तो तीनों अपराधी भी वहां पहुंच गये. इसके बाद श्यामलाल की हत्या कर दी और भाग गये.
इस प्रकार मामला खुला
चेतन मिश्र ने कुछ स्थानों पर शराब पीने के दौरान हत्या की बात की थी. इसके बाद यह जानकारी पुलिस के पास पहुंची. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और चेतन को गिरफ्तार किया. इसके बाद श्यामलाल की हत्या की पूरी गुत्थी सुलझ गयी. चेतन ने जो जानकारी दी, इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू करते हुए प्रदीप को रांची से पकड़ा. वहीं पुलिस ने शंकर प्रधान के मोबाइल की जांच करायी, तो पता चला कि चेतन मिश्र के मोबाइल लेकर प्रदीप गोप ने शंकर से कई बार बात की है.
हत्या कर रांची भाग गया
प्रदीप पहले भी जेल जा चुका है. जेल से निकलने के बाद वह रांची में रहता था. साथ में उसकी एक लड़की भी रहती थी. वह किसी कारखाना में काम करता था. जब उसे फोन पर श्यामलाल की हत्या करने व इसके एवज में मोटी रकम मिलने की जानकारी दी गयी, तो वह गुमला आया. इसके बाद आठ जुलाई की सुबह करीब चार बजे वह गुमला पहुंचा और उसी दिन श्यामलाल की हत्या कर वह रांची चला गया.
रास्ते में बाइक खराब, पुलिस ने बनवायी
पुलिस को जैसे ही सूचना मिली कि श्यामलाल को टांगी से काटने वाला प्रदीप गोप रांची में है, तुरंत पुलिस टीम का गठन किया गया. थाना प्रभारी राकेश कुमार के नेतृत्व में एसआइ परमानंद पासवान व तीन पुलिस के जवान रांची पहुंचे. रांची के रातू से प्रदीप को पुलिस पकड़ा. इसके बाद मोटर साइकिल भी जब्त की. रांची से गुमला लाने के क्रम में रास्ते में मोटर साइकिल खराब हो गयी. इस कारण पुलिस देर शाम को अपराधी प्रदीप को लेकर गुमला आयी.
गोली बचाने के लिए टांगी से मारा
प्रदीप ने हत्या की योजना बनायी. उसने एक पिस्तौल चेतन मिश्र को दिया. उसमें तीन गोली थी. शुरू में श्यामलाल की हत्या गोली मार कर करने की थी, लेकिन बाद में गोली को बचाने के चक्कर में टांगी से मार कर हत्या कर दी. चेतन मिश्र पिस्तौल को अपने पास रख लिया और गांव में घूमने लगा. इसी दौरान उसने तालाब में मछली मारने के लिए एक गोली चलायी थी.
गोली मारने के बाद तेल भरवाया
पुलिस के अनुसार, श्यामलाल को गोली मारने के बाद अपराधियों की बाइक में पेट्रोल खत्म हो गया था, तभी शंकर प्रधान ने अनूप नामक व्यक्ति को फोन कर प्रदीप, चेतन व राजेश की बाइक में तेल भरवाने के लिए कहा. लेकिन अनूप ने कहा कि मेरे पास अभी 200 रुपया ही है. तब 200 रुपये का तेल भरवा कर अपराधी वहां से भागे थे.
श्यामलाल ईंंट भट्ठा बंद करनेवाले थे
सूचना मिली है कि श्यामलाल ईंट भट्ठा व क्रशर बंद करने वाले थे. उन्होंने तय किया था कि वह डुमरडीह में स्कूल खोलेंगे. वे अपने कुछ नजदीकियों से कहा था कि भट्ठा के व्यवसाय में बहुत खतरा है. मैं ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं हूं. एक अच्छा स्कूल गांव में खोलूंगा, ताकि बच्चे पढ़ सके. इसके लिए तैयारी भी शुरू हो गयी थी, लेकिन उससे पहले उनकी हत्या हो गयी.

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