वाशिंगटन : अमेरिका के एक शीर्ष दूत ने कहा है कि अमेरिका के नेतृत्व में वैश्विक गठबंधन के सहयोग से इराकी बलों ने अहम मोसुल शहर को आईएसआईएस के कब्जे से आजाद कराके इस संगठन के खिलाफ भले ही सबसे बड़ी सफलता हासिल की है लेकिन इस आतंकवादी संगठन के खिलाफ लडाई अभी समाप्त नहीं हुई है.
इस्लामिक स्टेट संगठन के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के शीर्ष अमेरिकी दूत ब्रेट मैकगर्क ने कहा, ‘ ‘अभी काम पूरा नहीं हुआ है. हमें अभी आगे बढना है और इसलिए हमने आज बैठक की ताकि अगले चरण के लिए हम अपने प्रयासों को समन्वित कर सकें.’ ‘ उन्होंने मोसुल को आजाद कराने को आईएसआईएस के खिलाफ एक बडी सफलता बताया और कहा कि मोसुल में एक साल से चल रहा अभियान पिछले कुछ दिनों में समाप्त हुआ. उन्होंने मोसुल अभियान को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद सबसे मुश्किल सैन्य अभियान करार दिया.
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उन्होंने कहा कि रक्का और सीरिया इराक के बजाए कहीं ज्यादा जटिल है लेकिन वहां का मॉडल काफी हद तक समान है. मैकगर्क ने कहा कि राजनीतिक सुलह पर काफी कुछ निर्भर करता है. सीरिया में करीब चार साल में 40,000 विदेशी लडाकों का आना आईएसआईएस के उदय का मुख्य कारण था. इसी तरह इराक में भी ऐसा ही हुआ जहां बडी संख्या में आतंकवादी, आत्मघाती हमलावर आये.
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उन्होंने कहा, ‘ ‘यदि किसी भी देश में विश्व भर से इस प्रकार के लोग खुद को मस्जिदों, आइसक्रीम पार्लरों में उडाने आएंगे, बच्चों की हत्या करने आएंगे, तो जो होगा, वहीं इराक में हो रहा था.’ ‘ उन्होंने कहा कि जब तक विश्वभर से इस प्रकार के लोगों का आना जारी रहेगा, तब तक राजनीतिक प्रगति नहीं हो सकती. मैकगर्क के अनुसार विदेशी लडाके अब सीरिया में नहीं आ रहे.