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मिलीए इनसे….ये है गरीबों के मसीहा जिन्‍होंने अब तक 176 लोगों की बचायी है जिंदगी

गरीबों के मसीहा बनकर उभरे हैं राजेश कुमार सिंह नवीन कुमार राय गरीबों व जरूरतमंद लोगों के मसीहा बनकर उभरे राजेश कुमार सिंह ने अब तक 176 लोगों की जिंदगी बचायी है. हाल में कोलकाता स्थित आरएन टैगोर अस्पताल में तीन लोगों के हृदय का ऑपरेशन कराकर उन्हें नया जीवन दिलाया. समाजसेवा के लिए अपना […]

गरीबों के मसीहा बनकर उभरे हैं राजेश कुमार सिंह
नवीन कुमार राय
गरीबों व जरूरतमंद लोगों के मसीहा बनकर उभरे राजेश कुमार सिंह ने अब तक 176 लोगों की जिंदगी बचायी है. हाल में कोलकाता स्थित आरएन टैगोर अस्पताल में तीन लोगों के हृदय का ऑपरेशन कराकर उन्हें नया जीवन दिलाया. समाजसेवा के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले राजेश सिंह ने कुछ दानदाताओं, समाजसेवी संस्थाओं एवं सीमा सुरक्षा बल के साउथ बंगाल फ्रंटियर की सहायता से तीनों का ऑपरेशन कराया.
सीमा सुरक्षा बल से मिली जानकारी के अनुसार, राजेश कुमार सिंह की पहल पर बीएसएफ और कुछ स्वयंसेवी संस्थाएं लगातार सुंदरवन के पिछड़े इलाकों में शिक्षा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं. पिछले दिनों जब स्वास्थ्य शिविर लगाया गया था तब सात वर्षीय अमीत सरदार, 12 वर्षीय राखी वर्मन एवं 44 वर्षीय वंदना रानी मेता की हालत गंभीर पायी गयी. डॉक्टरों ने बताया कि तीनों के हृदय का तुरंत ऑपरेशन नहीं किया गया तो इनकी मौत हो सकती है. यह सुनने के बाद सीमा सुरक्षा बल और स्वयंसेवी संस्थाओं की चिंता बढ़ गयी. राजेश कुमार सिंह की पहल पर सीमा सुरक्षा बल के जवान तीनों मरीजों को कोलकाता ले आये. स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद से तीनों को कोलकाता के मशहूर हृदय रोग विशेषज्ञ अस्पताल आरएन टैगोर हर्ट एंड रिर्सच सेंटर में भरती कराया गया.
मरीजों की दयनीय आर्थिक स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने इलाज पर आने वाले खर्च का एक बड़ा हिस्सा माफ कर दिया. इसके बावजूद इनके इलाज के लिए बड़ी रकम की दरकार थी. इसे जुटाने में सीमा सुरक्षा बल के जवान आगे आये. मरीजों की मदद के लिए राजेश कुमार सिंह ने स्वयंसेवी संस्थाओं और गुप्त दानदातों का दरवाजा खटखटाना शुरू कर दिया.
इनके पुराने कार्य के मद्देनजर लोगों ने इस बार भी आर्थिक मदद देने में कोई कंजूसी नहीं की. एक तरफ राजेश कुमार इलाज के लिए रकम का इंतजाम करते रहे वहीं दूसरी तरफ बीएसएफ जवानों के साथ मिलकर मरीज की देखभाल में भी लगे रहे. लोगों का सम्मिलित प्रयास रंग लाया और तीनों का ऑपरेशन सफल रहा. अब वे अपने घर लौट रहे हैं. मरीजों को घर पहुंचाने में बीएसएफ जवान लगे हुए हैं. जवानों का जज्बा देखकर बीएसएफ वाइफ्स वेलफेयर एसोसिएशन की सदस्य भी आगे आयी हैं. एसोसिएशन की ओर से नीलिमा जायसवाल एवं अनुराधा वर्मा अस्पताल पहुंचीं और मरीजों से मुलाकात कर शुभकामनाएं दी. साथ ही जवानों के इस तरह के प्रयास को जमकर सराहा.
डिप्टी कमांडेंट नवीन चौहान ने कहा कि ऐसे सामाजिक कार्य करने में जवानों को हार्दिक आनंद मिलता है. इस तरह का प्रयास कोई पहली बार नहीं हो रहा है. हमलोग सीमा से सटे इलाके (जो पूरी तरह से उपेक्षित हैं) में रहने वाले लोगों के विकास के लिए लगातार अपनी सामाजिक गतिविधियां चला रहे हैं.
सीमा सुरक्षा बल के साउथ फ्रंटियर की ओर से सुंदरवन के उन इलाकों में पेयजल पहुंचाया जाता है जहां पीने का पानी उपलब्ध नहीं है. साथ ही स्कूल बनाना, स्कूलों को बुनियादी सुविधा मुहैया कराना, स्वास्थ्य शिविर लगाना जैसे सामाजिक कार्य किये जा रहे हैं.
इसी वजह से सीमा से सटे इलाके के लोग आज बीएसएफ को अपना हमदर्द समझते हैं. जब से राजेश कुमार सिंह जैसे लोग हमारे साथ जुड़े हैं तब से कई स्वयंसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर हम लोग ड्यूटी के साथ अपने सामाजिक सरोकार को और बेहतर ढंग से कर रहे हैं.
अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए 176 लोगों का सफल ऑपरेशन कराने वाले राजेश कुमार सिंह पूरे मामले में बिल्कुल चुप हैं. काफी पूछने पर उन्होंने कहा : इसमें मेरी कोई सफलता नहीं है. मैं बस जरूरतमंद लोगों की मदद में सहयोग करता हूं. मैं जरूरतमंद एवं मददगार के बीच सेतु का काम करता हूं.
मेरा रोल बस इतना ही है. अपनी तरफ से मैं बस इतना ही करता हूं कि मरीज को किसी भी तरह की तकलीफ ना हो. इसके लिए व्यक्तिगत रूप से मदद करता हूं. चूंकि मेरी आय का कोई जरिया नहीं है इसलिए मैं अपने श्रम से जितना हो सके लोगों की मदद करता हूं. इस काम में ही मुझे संतोष मिलता है.

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