उन्होंने कहा कि नीति आयोग के अनुसार, राज्य की आर्थिक विकास दर काफी बेहतर है. राज्य की विकास दर आठ प्रतिशत से अधिक है. पूंजीगत व्यय में वृद्धि हुई है और राजकोषीय घाटा तीन प्रतिशत तक सीमित है. आठ प्रतिशत से अधिक विकास दर वाले राज्यों में गुजरात, त्रिपुरा, मिजोरम और झारखंड का नाम है. राजस्व वसूली की चर्चा करते उन्होंने बताया कि सिर्फ उत्पाद और भूराजस्व विभाग की राजस्व वसूली में पिछले वर्ष के मुकाबले कमी आयी है.
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विकास योजनाओं पर हुए “13276़. 87 करोड़ खर्च
रांची : राज्य में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 11 जुलाई तक विकास योजनाओं पर 13276.87 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. जून 2017 तक सरकार के विभिन्न विभागों ने 2951.59 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया है. इस तरह सरकार ने विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि का 21.62 प्रतिशत खर्च किया है और […]
रांची : राज्य में चालू वित्तीय वर्ष के दौरान 11 जुलाई तक विकास योजनाओं पर 13276.87 करोड़ रुपये खर्च किये गये हैं. जून 2017 तक सरकार के विभिन्न विभागों ने 2951.59 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया है. इस तरह सरकार ने विकास योजनाओं के लिए निर्धारित राशि का 21.62 प्रतिशत खर्च किया है और लक्ष्य के मुकाबले 10.39 प्रतिशत राजस्व संग्रह किया है. राज्य के विकास आयुक्त अमित खरे ने यह जानकारी दी.
श्री खरे ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान इसी अवधि तक विकास योजनाओं पर लक्ष्य के मुकाबले 14.70 प्रतिशत ही खर्च किया गया था. पिछले वर्ष के मुकाबले चालू वित्तीय वर्ष के राजस्व संग्रह में 10.72 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी है. पिछले साल इस अवधि तक 2665.73 करोड़ रुपये की वसूली हुई थी. 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के आलोक में 2016-17 में 2015-16 के मुकाबले अधिक राशि मिली है, जो 3173 करोड़ रुपये अधिक है.
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