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देश में एडटेक स्टार्टअप से बदल रहा है लर्निंग ट्रेंड

स्मार्टफोन और इंटरनेट ने इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट समेत तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का ट्रेंड बिल्कुल बदल दिया है. घंटों किताबों पर जूझने के बजाय ऑनलाइन वीडियो, वेबिनार, टेक्स्ट से अब पढ़ाई बहुत ही आसान हो गयी है. स्मार्टफोन और इंटरनेट की आमजन तक पहुंच हो जाने के कारण जीवन स्तर में व्यापक स्तर […]

स्मार्टफोन और इंटरनेट ने इंजीनियरिंग, मेडिकल और मैनेजमेंट समेत तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी का ट्रेंड बिल्कुल बदल दिया है. घंटों किताबों पर जूझने के बजाय ऑनलाइन वीडियो, वेबिनार, टेक्स्ट से अब पढ़ाई बहुत ही आसान हो गयी है.
स्मार्टफोन और इंटरनेट की आमजन तक पहुंच हो जाने के कारण जीवन स्तर में व्यापक स्तर पर बदलाव आ चुका है. जिंदगी का कोई भी पहलू अब इंटरनेट आधारित तकनीकों से अछूता नहीं रह गया है. ऐसे में सीखने और सिखाने के लिए इस्तेमाल होनेवाली ये तकनीकें नयी पीढ़ी के लिए किसी उपहार से कम नहीं हैं. एडटेक यानी एजुकेशन टेक्नोलॉजी आधारित स्टार्टअप ने शिक्षा और बेहतर कैरियर की उम्मीदों को पंख लगा दिये हैं. एडटेक इंडस्ट्री अभूतपूर्व तरीके से तरक्की कर रही है. इसका भरपूर फायदा छात्रों के साथ-साथ कार्यरत पेशेवरों को भी मिल रहा है. इंटरनेट आधारित तकनीकों ने सीखने और सिखाने की विधा को पूर्ण रूप से बदल दिया है, जिससे शिक्षा गुणवत्ता पूर्ण बन रही है और बेहतर भविष्य की उम्मीदें मजबूत हो रही हैं.वेबिनार और वीडियो प्रजेंटेशन होंगे सबसे मजबूत टूल्स
टेस्ट की तैयारी में टेक्स्ट मटीरियल्स सबसे महत्वपूर्ण होते हैं, लेकिन वेबिनार और वीडियो प्रजेंटेशन के जरिये किसी टॉपिक पर दिया जानेवाले लेक्चर सीखने की प्रक्रिया को काफी सुगम बना देते हैं. दरअसल, इंटरनेट पर दिया जानेवाला प्रजेंटेशन विभिन्न तकनीकों और टूल्स जैसे ग्राफिक्स, विजुअल्स, एनिमेशन आदि से काफी आकर्षक और रुचिकर बना दिया जाता है. बिग डाटा, ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी गेमिफिकेशन ने हेल्थकेयर, इंन्फ्रॉस्ट्रक्चर जैसे अनेक क्षेत्रों तौर-तरीकों को बदल चुका है, लेकिन ऑनलाइन एजुकेशन के क्षेत्र में यह प्रक्रिया बड़े स्तर पर बदलाव कर रही है, जो युवाओं के लिए न केवल टेक्निकल स्किल, कम्युनिकेशन और टेस्ट प्रिपरेशन में नये आयाम जोड़ रही है, बल्कि रोजगार और स्वरोजगार की उम्मीदें जगा रही है.

स्मार्टफोन से ऑनलाइन पढ़ाई
देश में स्मार्टफोन उपभोक्ताओं की संख्या शहरों के साथ-साथ गांव-कस्बों में तेजी से बढ़ रही है. स्मार्टफोन के माध्यम से लोग बैंकिंग से लेकर ऑनलाइन शॉपिंग जैसे काम कर रहे हैं. स्मार्टफोन का बेहतर उपयोग री-स्किल और अप-स्किल के लिए किया जा सकता है. अंगरेजी समेत तमाम विदेशी भाषाएं सीखने, विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी, जनरल नॉलेज, करेंट अफेयर्स, वीडियो लेक्चर सब स्मार्टफोन से एक्सेस किया जा रहा है. इस प्रक्रिया को आसान और सर्वसुलभ बनाने के लिए स्टार्टअप आ रहे हैं और कई इस दिशा में अच्छा काम कर रहे हैं.
ऑनलाइन टेस्ट की तैयारी करनेवालों की संख्या में होगा इजाफा
हाल ही में गूगल और केपीएमजी द्वारा संयुक्त रूप से जारी रिपोर्ट ‘ऑनलाइन एजुकेशन इन इंडिया : 2021’ में दावा किया गया है कि 2021 तक भारत में ऑनलाइन एजुकेशन मार्केट दो अरब डॉलर के करीब पहुंच जायेगा और उपभोक्ताओं की संख्या में 95 लाख से अधिक हो चुकी होगी. प्रतिस्पर्धा बढ़ने से निश्चित ही गुणवत्ता में भी बढ़ोतरी होगी. उच्च स्तरीय परीक्षाओं मसलन, इंजीनियरिंग, मेडिकल, मैनेजमेंट और सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी करनेवाले प्रतियोगियों की ऑनलाइन स्टडी मटीरियल्स पर निर्भरता बढ़ेगी. वैसे तो विभिन्न कोर्सेज के लिए ऑनलाइन एजुकेशन की भूमिका अहम हो चुकी है, लेकिन ऑनलाइन टेस्ट की तैयारी के लिए यह निकट भविष्य में सबसे सशक्त और विश्वसनीय माध्यम बन चुका होगा.

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