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आंदोलन: विमल गुरुंग ने कहा, बलिदान बेकार नहीं जायेगा, पुलिस फायरिंग में मरे गोरखालैंड समर्थक को दी गयी अंतिम विदाई

दार्जिलिंग: ‘शहीद अशोक तामांग अमर रहे’, ‘वी वांट गोरखालैंड’ जैसे नारे लगाते हुए गोरखालैंड समर्थकों ने अशोक तामांग को नम आखों से विदाई दी. गत आठ जुलाई को दार्जिलिंग शहर में गोरखालैंड समर्थकों व पुलिस के बीच संघर्ष में दो लोगों की मौत हो गयी थी और अशोक तामांग को गोली लगी थी. सिक्किम के […]

दार्जिलिंग: ‘शहीद अशोक तामांग अमर रहे’, ‘वी वांट गोरखालैंड’ जैसे नारे लगाते हुए गोरखालैंड समर्थकों ने अशोक तामांग को नम आखों से विदाई दी. गत आठ जुलाई को दार्जिलिंग शहर में गोरखालैंड समर्थकों व पुलिस के बीच संघर्ष में दो लोगों की मौत हो गयी थी और अशोक तामांग को गोली लगी थी. सिक्किम के एक अस्पताल में उपचार के दौरान गत मंगलवार को अशोक तामांग की मौत हो गयी थी. उधर, बेमियादी दार्जिलिंग बंद के 28वें दिन बुधवार को गोरखालैंड समर्थकों ने एक पंचायत दफ्तर में आग लगा दी और कुछ सरकारी वाहनों को नुकसान पहुंचाया. पुलिस के मुताबिक, गोजमुमो कार्यकर्ताओं ने मिरिक उप-संभाग में पंचायत दफ्तर को आग के हवाले कर दिया. उन्होंने पहाड़ी क्षेत्र में कुछ सरकारी वाहनों में भी तोड़फोड़ की.

बुधवार को सुबह करीब 11 बजे अशोक तामांग की शवयात्रा निकाली गयी, जो शहर के रेलवे स्टेशन, गोयनका रोड, चौक बाजार, लेबुंग कार्ड रोड होते हुए बस स्टैंड के पास पहुंची. उसके बाद आरएन सिन्हा रोड होकर श्मशान पहुंचाया गया. अशोक तामांग की अंतिम यात्रा में गोजमुमो के के‍ंद्रीय महासचिव रोशन गिरि, कानूनी सलाहकार तिलकचन रोका आदि उपस्थित थे. इसी तरह से गोरामुमो से एमजी सुब्बा सहित अन्य केंद्रीय नेता शामिल हुए. इसके साथ ही हजारों की संख्या में गोरखालैंड समर्थकों की भीड़ देखी गयी.

इधर, गोजमुमो प्रमुख विमल गुरुंग ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि शहीदों का त्याग और बलिदान बेकार नहीं जायेगा और हम लोग अलग राज्य गोरखालैंड लेकर रहेंगे. उन्होंने शोकाकुल परिवार के लिए ईश्वर से प्रार्थना की. दार्जिलिंग के विधायक अमर सिंह राई ने भी शहीद अशोक तामांग को श्रद्धांजलि अर्पित की.

गोरखालैंड आंदोलन के 28वें दिन बुधवार को किसी अप्रिय घटना की खबर नहीं है. अलग राज्य गोरखालैंड की मांग को लेकर पहाड़ पर अनिश्चितकालीन बंद जारी है. स्कूल-कॉलेज, कार्यालय, बैंक, पोस्ट ऑफिस, हाट-बाजार सभी कुछ बंद है. पर्यटन स्थलों पर सन्नाटा पसरा हुआ है.

यहां तक कि गोजमुमो की अनिश्चितकालीन बंद ने चाय बागान, सिन्कोना बागानों को भी अपने कब्जे में ले लिया है. दार्जिलिंग पर्वतीय क्षेत्र में कुल 87 चाय बागान हैं. इन चाय बागानों में करीब 65 हजार से अधिक श्रमिक काम करते हैं. बागान बंद के कारण अभी श्रमिकों को दैनिक मजदूरी से लेकर अन्य किसी प्रकार की सुविधा नहीं मिल रही है, जिसके कारण उनका बुरा हाल है.

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