मगर घरवालों के दबाव के बाद उसे पास के एक वैद्य के यहां ले जाया गया. जहां उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गयी. वापस सदर अस्पताल लाने के क्रम में उसकी मौत हो गयी. पंकज के साथी कांवरिया विपीन ने बताया कि वे लोग तीन चार की संख्या में चार दिन पहले सुल्तानगंज से जल उठाकर देवघर के लिए चले थे. यात्रा के क्रम में मंगलवार की रात बांका जिला के चंद्रेश्वरी में विश्राम के लिए ठहरे थे.
उसी बीच अहले सुबह अचानक से पंकज के बायें हाथ में किसी चीज के काटने पर पंकज शोर मचाकर उठ खड़ा हुआ. शोर सुनकर सभी उठ गये अौर इधर-उधर छानबीन करने लगे. इसी दौरान एक विषैला सांप झाड़ियों की अोर भाग गया. आनन-फानन में सभी लोग पंकज को नजदीक के चिकित्सा शिविर में ले गये. जहां तत्काल दवाइयां देकर देवघर सदर अस्पताल भेज दिया गया. यहां इलाज चल रहा था. मगर घरवालों के कहने पर उसे पास के एक बैद्य से झाड़फूंक भी करवाया गया. इसी क्रम में दोपहर लगभग 3.30 बजे के बाद उसकी मौत हो गयी.