नयी दिल्लीः पशु बिक्री मामले में केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट की आेर से करारा झटका लगा है. इस मामले में मंगलवार को सुनवार्इ करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पिछले दिनों केंद्र सरकार की अधिसूचना पर मद्रास हार्इकोर्ट की आेर से लगायी गयी रोक पूरे देश में लागू रहेगी. हालांकि, इससे पहले केंद्र ने अदालत के सामने अपनी सफार्इ में कहा कि हमें मामले की पूरी जानकारी है आैर हम अधिसूचना के विभिन्न पहलुआें पर विचार कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि पशु बाजारों में वध के मकसद से पशुओं की खरीद-फरोख्त किये जाने पर रोक लगाने वाली केन्द्र की विवादित अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने बीते 15 जून को केंद्र सरकार से जवाब-तलब किया था. केन्द्र की आेर से 26 मई को एक अधिसूचना जारी कर देश भर के पशु बाजारों में वध के लिए पशुओं की खरीद-फरोख्त किये जाने पर रोक लगा दी गयी थी. केंद्र की इस अधिसूचना के खिलाफ सबसे पहले मद्रास हार्इकोर्ट में याचिका दायर की गयी थी, जिसके बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट में आया था.
केंद्र सरकार की आेर से 26 मर्इ को अधिसूचना जारी करने के चार दिन बाद ही 30 मर्इ को मद्रास हार्इकोर्ट की मदुरै पीठ ने पशु बिक्री को लेकर जारी की गयी अधिसूचना पर रोक लगा दिया था. अदालत ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी का चार सप्ताह में जवाब मांगा था. पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त ‘पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम, 2017’ को अधिसूचित किया था.
केंद्र की अधिसूचना के मुताबिक, पशु बाजार समिति के सदस्य सचिव को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी शख्स बाजार में अवयस्क पशु को बिक्री के लिए न लेकर आये. किसी भी शख्स को पशु बाजार में मवेशी को लाने की इजाजत नहीं होगी, जब तक कि वहां पहुंचने पर वह पशु के मालिक द्वारा हस्ताक्षरित यह लिखित घोषणा-पत्र न दे दे, जिसमें मवेशी के मालिक का नाम और पता हो और फोटो पहचान-पत्र की एक प्रति भी लगी हो.