नयी दिल्ली/श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए लश्कर-ए-तैयबा के एक मॉड्यूल का भंड़ाफोड़ किया है और दो लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से एक व्यक्ति उत्तरप्रदेश का निवासी है और दक्षिण कश्मीर में छह पुलिस कर्मियों की हत्या करने वाले लश्कर-ए-तैयबा समूह का सक्रिय सदस्य रहा है.
जम्मू-कश्मीर पुलिस की गिरफ्त में आये शख्स के तार उत्तर प्रदेश से जुड़े होने के कारण पुलिस की मुश्कीलें बढ़ गयी हैं. ऐसा पहली बार हुआ है जब जम्मू कश्मीर में पकड़े गये किसी आतंकवादी के तार दूसरे राज्य से जुड़े हैं. समाचार चैनल आजतक ने संदीप के आदिल बनने की कहानी की पड़ताल की जिसमें कुछ बातें सामने आयी हैं.
आतंकी संदीप ने लश्कर के आतंकियों के साथ मिलकर कई वारदातों को अंजाम दिया है. संदीप का नाम बैंक और एटीएम लूट में भी शामिल है. संदीप शर्मा उर्फ आदिल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है. उधर उत्तर प्रदेश पुलिस भी संदीप उर्फ आदिल की भाभी रेखा को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है.
संदीप शर्मा के पिता का नाम रामकुमार शर्मा है, जिनका निधन 8 साल पूर्व हो गया है. 8 साल पहले पिता की मौत के बाद पूरा परिवार मंडी थाना का मकान बेचकर अंकित विहार में आ गया. संदीप शर्मा का एक भाई भी है, जिसका नाम प्रवीण शर्मा है. आस पड़ोस के लोगों का कहना है कि संदीप कम पढ़ा-लिखा था और काफी खुराफात करता रहता था.
वो कुछ साल पहले जम्मू चला गया था. वह 2012 में घाटी में में था और आतंकवादियों के साथ मिलकर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम भी देता था.
पुलिस ने जब आतंकी संदीप उर्फ आदिल के बारे में जानकारी जुटानी शुरू की तो वे हैरान रह गये. यह पहला मौका है जब मुजफ्फरनगर के किसी शख्स का घाटी के आतंकियो के साथ तार जुड़े हैं. संदीप मूल रूप से हिन्दू है, लेकिन आदिल नाम से जाना जाता है. उसने अपना धर्म बदला है या नहीं इसके बारे में अभी पुलिस को जानकारी नहीं मिल पायी है. पुलिस ने आदिल को लश्कर आतंकी बशीर के घर से गिरफ्तार किया है.
कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने कहा, ‘हमने उत्तरप्रदेश स्थित मुजफ्फरनगर के निवासी संदीप कुमार शर्मा उर्फ आदिल और दक्षिण कश्मीर के कुलगाम के निवासी मुनीब शाह को गिरफ्तार किया है.’ उन्होंने कहा कि संदीप की गिरफ्तारी आपराधिकता और आतंकवाद के बीच धुंधलाती रेखाओं को दिखाती है. लश्कर-ए-तैयबा संदीप का अकसर इस्तेमाल करता था और वह इस बात का पूरा फायदा उठा रहा था कि वह यहां का स्थानीय व्यक्ति नहीं है. उन्होंने कहा, ‘जहां तक कश्मीर में आतंकवाद की बात है, तो जांच के दौरान बैंकों एवं एटीएमों की लूट जैसी कई नयी चीजें सामने आयी हैं.
पुलिस महानिरीक्षक मुनीर खान ने कहा कि जांच में सामने आया है कि किस तरह के अपराधी आतंकवाद में शामिल थे और कैसे लश्कर-ए-तैयबा नामक आतंकी संगठन उनका इस्तेमाल कर रहा था. किस तरह से वे बैंकों और एटीएमों को लूट रहे थे और आतंकी संगठनों एवं खुद के लिए धन जुटा रहे थे. संदीप को उसी घर से गिरफ्तार किया गया था, जहां लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर बाशिर लश्करी को एक जुलाई को मार गिराया गया था. संदीप की गिरफ्तारी के बाद शाह की गिरफ्तारी हुई.
आईजीपी ने कहा कि जांच में पता चला कि संदीप वर्ष 2012 में घाटी में आया था और उसने गर्मियों में वेल्डर के तौर पर काम किया था. सर्दियों में वह घाटी से बाहर, खासकर पटियाला चला जाता था. उन्होंने कहा, ‘पंजाब में काम करने के दौरान वह कुलगाम निवासी शाहिद अहमद के संपर्क में आया. वह भी पंजाब में काम कर रहा था. इस साल जनवरी में वह घाटी आया और दक्षिण कश्मीर में एटीएम एवं अन्य लूटों की योजना बनायी.’
संदीप, मुनीब शाह, शाहिद अहमद और मुजफ्फर अहमद नामक चार लोग आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कुलगाम में किराए के मकान में रहे. आईजीपी ने कहा कि संदीप आपराधिक एवं आतंकी गतिविधियों में संलिप्त था और लश्कर के आतंकियों का तीन वारदातों में साथ देकर कट्टर आतंकी बन गया था.’
संदीप 16 जून को दक्षिण कश्मीर के अच्छाबल में पुलिस के एक दल पर किये गये हमले में शामिल था, जिसमें थाना प्रभारी फिरोज डार शहीद हो गये थे और पांच अन्य भी मारे गये थे. इन सभी के चेहरों को क्षत विक्षत कर दिया गया था. इसके अलावा तीन जून को निचले मुंडा में सेना के एक काफिले पर घात लगाकर किये गये हमले में भी वह शामिल था जिसमें एक जवान शहीद हो गया था, साथ ही वह अनंतनाग में सेवानिवृत्त न्यायाधीश मुजफ्फर अतर के सुरक्षाकर्मी से हथियार छीनने की घटना में शामिल था.
खान ने बताया, ‘इन सभी घटनाओं में संदीप मौजूद था और उसने इनमें हिस्सा भी लिया था.’ संदीप फिलहाल राज्य पुलिस की हिरासत में है और राज्य पुलिस उत्तर प्रदेश में अपने समकक्षों के साथ संपर्क में है. संदीप लूटपाट की वारदातों में माहिर था. खान ने खुलासा किया, ‘इस साल मार्च में मीर बाजार में लूटपाट की एक घटना को लेकर उसे और उसके सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया था और जमानत मिलने तक वह न्यायिक हिरासत में रहा था.’