नयी दिल्ली : गुजरात विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी व बिहार चुनाव में नीतीश कुमार के इलेक्शन मैनेजर रह चुके प्रशांत किशोर अब दक्षिणी राज्य तमिलनाडु की ओर रुख कर रहे हैं. प्रशांत किशोर तमिलनाडु में द्रमुक का रानजीतिक व चुनाव कमान सभालेंगे और जयललिता के निधन के बाद सत्ताधारी अन्नाद्रमुक में कोई केंद्रीय धुरी नहीं होने से उत्पन्न रिक्तता का लाभ दिलाने की कोशिश करेंगे. हालांकि निर्धारित समय के अनुसार, तमिलनाडु में 2021 को चुनाव होगा, लेकिन धड़ों में बंट चुके अन्नाद्रमुक के बिखराव के कारण द्रमुक को लगता है कि यह चुनाव समय पूर्व हो सकता है.
ध्यान रहे कि इससे पहले इसी साल हुए उत्तरप्रदेश चुनाव में प्रशांत किशाेर के इलेक्शन मैनेजमेंट के तहत चुनाव लड़ चुकी समाजवादी पार्टी व कांग्रेस को करारी शिकस्त मिली. ऐसे में प्रशांतकिशोर के लिए भी तमिलनाडु चुनाव एक मौका है, जहां से वे अपनी साख फिर से हासिल कर सकते हैं, क्योंकितमिलनाडुमें सत्ताधारी दल के पास आज उसका करिश्माई नेता नहीं है. प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी की द्रमुक से शुरुआती बातचीत भी हुई है, हालांकि चुनावी रणनीति को लेकर दोनों पक्ष अबतक किसी ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं.
अभी इस मुद्दे पर चर्चा चल रही है कि किसे नेता के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाये और द्रमुक की नीति क्या हो. हालांकि प्रशांत किशोर की इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी ने तमिलनाडु के युवाओं से आवेदन मांगे हैं, जिसमें निर्वाचन क्षेत्र प्रबंधक और पॉलिटिकल मीडिया मैनेजर के पद का उल्लेख है. मालूम हो कि बिहार चुनाव में प्रशांत किशार ने न सिर्फ राजधानी पटना में एक वाररूम बनाया था, बल्कि निर्वाचन क्षेत्र में भी अपने लोग तैनात किये थे.