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विकास कार्यों को गति देने वाला ही बेहाल

संसाधनों की कमी से काम में होती है देरी बेगूसराय : एक ओर गांवों में विकास की गति तेज करने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी ओर गांवों में विकास की रोशनी पहुंचाने वाला विभाग ही वर्षों से सरकार व विभागीय उपेक्षा का शिकार बना हुआ है. अब सवाल यह उठ रहा है […]

संसाधनों की कमी से काम में होती है देरी
बेगूसराय : एक ओर गांवों में विकास की गति तेज करने की बात कही जा रही है वहीं दूसरी ओर गांवों में विकास की रोशनी पहुंचाने वाला विभाग ही वर्षों से सरकार व विभागीय उपेक्षा का शिकार बना हुआ है.
अब सवाल यह उठ रहा है कि जिले की जब चार प्रखंडों में बड़ी-छोटी सड़कें व पुल का निर्माण करने वाला विभाग बेगूसराय मंडल, ग्रामीण कार्य विभाग ही खुद जर्जर अवस्था में हो तो गावों को विकास की गति मिलना कैसे संभव हो पायेगा.
विभागीय कार्यों का नहीं रखा जा रहा है लेखा-जोखा : विभाग के पास कार्यों का समस्त लेखा जोखा रखने व तैयार करने के लिए न तो हेड क्लर्क है और न ही वरीय लेखा लिपिक ही है मात्र कनीय लिपिक से कार्य कराये जा रहे हैं. मात्र दो सहायक अभियंता व चार कनीय अभियंता के बल पर ही चार-चार प्रखंडों में विकास कार्य कराये जा रहे हैं.
भौतिक संसाधनों का विभाग में है अभाव: बेगूसराय मंडल ग्रामीण कार्य विभाग भगवान भरोसे चल रहा है. विभाग के पास न तो पूर्ण रूप से कार्य संपन्न कराने के लिए मानव संसाधन है और न ही कोई अन्य भौतिक संसाधन ही है. एक ओर विभाग के पास कर्मियों का घोर अभाव है तो दूसरी ओर विभागीय कार्यालय भी एक जर्जर बन चुके भवन में चलाया जा रहा है. नतीजा है कि आम लोगों का समय पर काम नहीं हो पाता है. कर्मियों के द्वारा सिर्फ एक ही बहाना बनाया जाता है कि कार्यालय में कर्मियों व संसाधनों की कमी है. काम में विलंब होना स्वाभाविक है.
जहरीले कीड़े-मकोड़े का बढ़ा प्रकोप : भवन की जर्जरता के कारण व उचित देखभाल नहीं हो पाने के कारण भवन जहरीले कीड़े मकोड़े का बसेरा बन गया है. यहां रात की कौन कहे जब कर्मी दिन में कार्य कर रहे होते हैं तो अक्सर जहरीले कीड़े नजर आ जाते हैं.कर्मी लोग भय के वातावरण में कार्य करने को मजबूर हैं.
क्या कहते हैं पदाधिकारी
विभाग की ओर से जिलाधिकारी को कार्यालय के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के लिए पत्र लिखा गया है.भूमि उपलब्ध होते ही विभाग की ओर से कार्यालय भवन का निर्माण करा लिया जायेगा. रिक्त पदों पर बहाली की भी संबंधित विभाग में प्रकिया जारी है.
राजेश रत्नाकर, कार्यपालक अभियंता,ग्रामीण कार्य विभाग, डिवीजन,कार्यालय,बेगूसराय
परिसर में पड़े लाखो रुपये की संपत्ति की सुरक्षा को नहीं है कोई प्रहरी : कार्यालय परिसर में खराब हो चुके पुराने रोड रोलर रखे हुए जिसकी सुरक्षा का कोई इंतजाम विभाग के पास नहीं है. वर्षों से रात्रि प्रहरी का पद खाली है परंतु आज तक नियुक्ति नहीं हुई है.
विकास कार्यों का चित्र व प्राक्कलन तैयार करने वाला कोई नहीं : मुख्यमंत्री सेतु योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जैसे विकास कार्यों की गांव के लिए चित्र तैयार करने वाला विभाग के पास अपना कोई ड्राॅफ्टस मैन भी नहीं है और न ही प्राक्कलन पदाधिकारी ही है
महत्वपूर्ण फाइलें भी है असुरक्षित: विभाग का किराये का भवन बिल्कुल ही जर्जर है.कर्मी लोग जहां बैठकर कार्य करते हैं ऊपर से छत की कंक्रीट की मोटी-परत टूटकर गिर रही है. कभी भी अनहोनी घटना घट सकती है. विभाग की जहां महत्वपूर्ण फाइल रखी जाती है वहां छत से पानी टपक रहा है. जिससे फाइलों के सड़ जाने की आशंका बढ़ गयी है.

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