अंधेरे में शहर का हाल. आधी रात बाद कहीं नहीं दिखी गश्ती की गाड़ी
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सड़क पर अपराधी, थाने में पुलिस
अंधेरे में शहर का हाल. आधी रात बाद कहीं नहीं दिखी गश्ती की गाड़ी आधी रात के बाद प्रभात खबर टीम ने शहर व आसपास के क्षेत्र का लिया जायजा सहरसा : जिले में दिनोंदिन अपराध बढ़ रहे हैं. लोग बाहर निकलने से भी डर रहे हैं. बैंक से घर तक पहुंचना भी मुश्किल हो […]
आधी रात के बाद प्रभात खबर टीम ने शहर व आसपास के क्षेत्र का लिया जायजा
सहरसा : जिले में दिनोंदिन अपराध बढ़ रहे हैं. लोग बाहर निकलने से भी डर रहे हैं. बैंक से घर तक पहुंचना भी मुश्किल हो रहा है. सरेराह लोगों को लूटा जा रहा है. थाने में सुस्ती का पहरा है और दुकान व घरों का ताला टूट रहा है. सड़कों पर अपराधी मस्ती करते हैं और थाने में पुलिस वाले लंबी चादर तान कर सोते हैं. यकीन ना आया हो तो आपको सोमवार रात की कहानी सुनाते हैं और फैसला आप पर छोड़ते हैं.
बैजनाथपुर : रात दो बजे
जिले में बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर सोमवार की देर रात प्रभात खबर की टीम ने जिले की सबसे महत्वपूर्ण सड़क में से एक मधेपुरा-सहरसा मुख्य मार्ग में स्थित बैजनाथपुर चौक से पुलिसिया गश्ती की स्थिति जानने की शुरुआत की. हल्की बारिश के बीच रात के ठीक दो बजे जब टीम इस चौक पर पहुंची तो चौक पर गाड़ियों की जबरदस्त आवाजाही के बीच सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति शून्य दिखी. थोड़ी देर जायजा लेने के बाद चौक के एक कोने में बेंच पर दो चौकीदार बैठे दिखे.
जब हम नजदीक पहुंचे तो एक चौकीदार नींद की आगोश में पड़ा मिला तो दूसरा बीच-बीच में झपकी लेता दिखा. हमारी कैमरे के फ्लैश चमकते ही झपकी ले रहा चौकीदार एक्टिव हो गया और दूसरे को नींद से जगाया. नाम पूछने पर एक ने अपना नाम लाल मोहर शर्मा तो दूसरे ने देव नारायण यादव बताया. उसके बाद हम चौक से बैजनाथपुर स्टेशन की ओर बढ़े. लेकिन रात में इस दौरान कहीं भी पुलिसिया गस्ती नहीं दिखी. बारिश के बीच प्रभात की टीम लौट कर फिर से बैजनाथपुर चौक पहुंची.
तभी धड़धड़ाते बैजनाथपुर पुलिस शिविर की जीप चौक पर पहुंची. हमें समझ आ गया कि पुलिस सूत्रों ने हमारी मौजदूगी की खबर बैजनाथपुर पुलिस शिविर को दे दी और जिसका नतीजा है कि आनन- फानन में पुलिस बाबू चौक पर पहुंचे. प्रभात खबर की टीम ने जब चौकीदार के सोये हुए होने का कारण जीप में मौजूद एएसआई अशोक कुमार से पूछा तो उन्होंने कुछ जवाब नहीं दिया. हालांकि जीप चला रहे ड्राइवर ने इसका कारण गरीबी से जोड़ दिया. जो काफी हास्यास्पद लगा.
सर्वा ढाला, सोनवर्षा, सिमरी, सलखुआ, कहीं नहीं दिखी पुलिस
रात के अंधेरे और बारिश के बूंदों के बीच प्रभात खबर की टीम चांदनी चौक, संगम विहार होटल होते हुए भारतीय नगर पहुंची. इस दौरान रास्ते में बड़े-बड़े गड्ढों में जलजमाव की भी एक तस्वीर दिखी. जो सहरसा की नारकीय स्थिति को दर्शा रही थी. इसके बाद टीम सर्वा ढ़ाला पहुंची. सहरसा शहर में यदि कोई अपराधी अपराध को अंजाम देकर सहरसा से निकलना चाहे तो यह रास्ता उनके लिए स्वर्ग से कम नहीं, क्योंकि जब हम भारतीय नगर से होते हुए सर्वा ढ़ाला पहुंचे तो वहां यह देख चकित रह गये कि सहरसा शहर के आउटर पाइंट पर पुलिस का ना होना आश्चर्य पैदा कर रहा था. चारों ओर घुप्प अंधेरे में सड़क पर वाहनों का परिचालन जारी दिखा.
वहीं कई बाइकर्स ऐसे दिखे जो सड़क पर मनमौजी रूप से लहरिया कट मोटर साइकिल चलाते दिखे. उसके बाद प्रभात की टीम सुलिंदाबाद, दिवारी स्थान होते हुए सोनवर्षा कचहरी पहुंची. इस दौरान हमें कहीं भी पुलिस गश्ती नहीं दिखी. सड़क पर सरपट दौड़ते वाहन में अधिकतर बाइक सवार दिखे जो नियम कानून की धज्जियां उड़ाते हुए भागते दिखे. तब तक हम सोनवर्षा कचहरी चौक पहुंचे. घुप सन्नाटे के बीच सोनवर्षा पुलिस भी गायब दिखी. इसके बाद प्रभात खबर गश्ती की स्थिति देखने
और समझने सोनवर्षा कचहरी से निकली और रात के अंधेरे में हम बगरौली मोड़ पहुंचे. इस दौरान रास्ते में कहीं भी गश्ती वाहन नहीं दिखा. तब तक हम बगरौली मोड़ पहुंच गये. यह वही जगह है जहां बीते पच्चीस अप्रैल की अहले सुबह सौर बाजार से रिसेप्शन समारोह से लौट रहे दो वाहनों में लाखों की लूटपाट हुई थी. इस जगह पर लगभग हम आधा घंटा रुके. लेकिन गश्ती दल यहां भटकता नहीं दिखा. ग्रामीणों ने बताया कि घटना के एक-दो दिन बाद तक तो पुलिस कुछ हरकत में दिखी.
लेकिन उसके बाद फिर इधर गश्ती बंद हो गयी. जिस कारण देर रात लोग यहां से गुजरने से डरते हैं. बगरौली मोड़ से निरीक्षण करने के बाद प्रभात की टीम पुरानी बाजार होते हुए सिमरी बख्तियारपुर पहुंची. गश्ती दल की खोज हमारी जारी थी और हम फेनसाहा होते हुए गोरगामा ढाला पहुंचे. इस दौरान हमें कही भी पुलिसिया गश्ती नहीं दिखी. घुप्प अंधेरे में इक्का-दुक्का वाहन दिखे. इसके बाद हम मोबारकपुर होते हुए सलखुआ पहुंचे. लेकिन कहीं भी गश्ती दल का ना मिलना एक बात साबित कर गया कि जिले में प्रशासनिक सुस्ती चरम पर है और अपराधियों के लिए जिले में रात में घटना को अंजाम देकर छुप जाना सबसे आसान है.
बैजनाथपुर से प्रभात खबर की टीम सहरसा शहर की ओर बढ़ी. रास्ते में कहीं भी पुलिसिया गस्ती नजर नहीं आयी. टीम पटुआहा पहुंची. दिल्ली हाट के आसपास बारिश के बूंदों के बीच प्रभात खबर की टीम काफी देर पुलिस गश्ती के इंतजार में खड़ी रही. लेकिन सफलता के नाम पर शून्य प्राप्त हुआ. इसके बाद टीम टाटा शो रूम, मारुति शो रूम आदि होते हुए जब तिवारी चौक पर पहुंची तो वहां भी टीम को मायूसी हाथ लगी. जो प्रशासन की सुस्ती और अपराधियों की मस्ती की ओर इशारा करता दिखा.
थोड़ी देर तिवारी चौक पर रहने के बाद टीम सहरसा बायपास रोड में घुसी. हुंडई शो रूम तक जायजा लेने के बाद टीम फिर तिवारी चौक पहुंची. वहां से आगे बढ़ने पर रॉयल इनफील्ड, हीरो, होंडा आदि शो रूम होते हुए हम वी मार्ट तक पहुंचे. बूंदाबांदी के बीच ट्रक और बस की आवाजाही जारी थी. धीरे-धीरे हम शंकर चौक पहुंचे. यहां थोड़ी देर रुकने के बाद एक पुलिस जीप देखने को मिली तो थोड़ी सुकून हुई. लेकिन नजदीक जाने पर जीप में सवार ज्यादा पुलिसकर्मी सोये दिखे. इसके बाद टीम डीबी रोड, थाना चौक आदि इलाकों में भी घुमी. लेकिन सुनसान सड़क पर एक दो राहगीरों को छोड़ कोई पुलिस जीप नहीं दिखी.
इसके बाद टीम महावीर चौक पहुंची. महावीर चौक के रास्ते सहरसा स्टेशन पहुंची. यहां भी पुलिस नहीं दिखी. स्टेशन के आसपास लोग तो दिखे, लेकिन जिनके भरोसे सहरसा के सुरक्षा की कमान है. वह नहीं दिखे. समय तीन बजे का इशारा कर रहा था. हम स्टेशन पर पहुंचे. टिकट काउंटर पर लगी लंबी लाइन और ट्रेन के इंतजार में यत्र-तत्र सोये यात्री दिखे. स्टेशन के ठीक सामने चाय दुकान पर चाय पीने वालों की भीड़ लगी थी.
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