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ICBM टेस्ट के बाद अमेरिका के तेवर कड़े, चीन ने उ कोरिया से संयम बरतने को कहा

बीजिंग/वाशिंगटन : प्योंगयांग के अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण के दावे को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर पर नाराजगी जताने के बाद चीन ने उत्तर कोरिया परमाणु मुद्दे के समाधान को लेकर अपने ‘लगातार प्रयासों’ का बचाव किया है. ट्रंप ने चीन से उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया […]

बीजिंग/वाशिंगटन : प्योंगयांग के अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण के दावे को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर पर नाराजगी जताने के बाद चीन ने उत्तर कोरिया परमाणु मुद्दे के समाधान को लेकर अपने ‘लगातार प्रयासों’ का बचाव किया है. ट्रंप ने चीन से उत्तर कोरिया के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आह्वान किया था. इसके बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने संवाददाता सम्मेलन के दौरान चीन की भूमिका को ‘अपरिहार्य’ बताया.

गेंग ने कहा, ‘चीन ने कोरियाई प्रायद्वीप के परमाणु मुद्दे को सुलझाने के लिए निरंतर प्रयास किया है. इस संबंध में चीन के योगदान को स्वीकृति मिल चुकी है और हमारी भूमिका अपरिहार्य है.’ उन्होंने कहा कि उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग ऊन के ह्वासांग-14 मिसाइल के ‘ऐतिहासिक’ परीक्षण की निगरानी से जुड़ी खबर की घोषणा के बाद के घटनाक्रम पर चीन करीबी निगाह रख रहा है.

इससे पहले अमेरिका ने उत्तर कोरिया द्वारा बैलिस्टिक मिसाइल के परीक्षण की पुष्टि की है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उकसावे की इस कार्रवाई के लिए किम जोंग ऊन की आलोचना करते हुए चीन से प्योंगयोंग के खिलाफ ‘कड़ी कार्रवाई’ करने तथा ‘इस बेवकूफी को हमेशा के लिए खत्म करने’ को कहा है. अमेरिकी प्रशांत कमान (यूएस पैसेफिक कमांड) का कहना है कि प्योंगयोंग एयरफील्ड के पास से एक बैलिस्टिक मिसाइल दागी गयी है.

व्हाइट हाऊस के अनुसार, ‘उत्तर कोरिया द्वारा मिसाइल परीक्षण किये जाने की सूचना राष्ट्रपति को दी गयी.’ इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्रंप ने कहा, ‘उत्तर कोरिया ने अभी-अभी एक मिसाइल परीक्षण किया है. क्या इस इंसान (किम) के पास अपने जीवन में करने के लिए कोई और काम नहीं है?’ अमेरिका उत्तर कोरिया के सबसे करीबी कूटनीतिक सहयोगी चीन पर लगातार दबाव बना रहा है कि वह प्योंगयोंग को अपना परमाणु बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम बंद करने को कहे. अमेरिका के प्रशांत कमान के अनुसार, मिसाइल 37 मिनट तक हवा में रही और जापान सागर में गिरी. उसका कहना है कि वह सहयोगियों के साथ मिलकर विस्तृत जानकारी जुटा रहा है.

उत्तर कोरिया ने मंगलवार को बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया, जो परीक्षण के बाद कोरियाई प्रायद्वीप में जा गिरी. जापान के रक्षा मंत्रालय के सार्वजनिक मामलों के अधिकारी ताकाहिरो हिरानो ने बताया कि हो सकता है कि यह प्रोजेक्टाइल जापान के विशेष आर्थिक जोन में गिरी हो, जो समुद्र तट की सीमा से 200 समुद्री मील की दूरी पर है.

दूसरी तरफ, रूस की सेना ने कहा कि उत्तर कोरिया की ओर से दागी गयी मिसाइल ‘मध्यम दूरी ‘ की मालूम पड़ती है, हालांकि प्योंगयांग का दावा है कि उसने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण किया है. रूसी रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘मिसाइल 535 किलोमीटर की ऊंचाई तक पहुंची और जापान सागर के मध्य हिस्से में गिरने से पहले 510 किलोमीटर की दूरी तय की.’ उसने कहा कि यह मिसाइल मध्यम दूरी की मालूम पड़ती है. उत्तर कोरिया ने दावा किया कि उसने अंतरमहाद्वीपीय मारक क्षमतावाली बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है. अमेरिका पर निशाना साधने में सक्षम परमाणु हथियार निर्माण करने की दृष्टि से यह उसके लिए एक ऐतिहासिक क्षण है.

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