नयी दिल्लीः पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कहा है कि वह क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के कामकाज के मौजूदा तौर तरीकों से खुश नहीं है और जल्द ही उनके लिए नये नियम तैयार करने की खातिर सार्वजनिक तौर पर परिचर्चा शुरू की जायेगी. पूंजी बाजार नियामक की ओर से क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए खुलासा नियमों को और सख्त किये जाने के कुछ ही दिन बाद सेबी प्रमुख की यह टिप्पणी सामने आयी है. क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा ऋण बोझ तले दबी कंपनियों के मामले में रेटिंग कार्रवार्इ में देरी को लेकर चिंता जताये जाने के बीच यह घटनाक्रम हुआ है.
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सेबी चेयरमैन अजय त्यागी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम एक महीने के भीतर परिचर्चा पत्र लेकर आ रहे हैं. उनसे पूछा गया था कि यदि रेटिंग एजेंसियां उसके नये सख्त नियमों का अनुपालन नहीं करतीं हैं, तो सेबी ऐसी स्थिति से किस प्रकार निपटेगा. हालांकि, नियायमक ने यह भी कहा कि चीजों को अंतिम रूप देने से पहले सभी संबद्ध पक्षों के विचारों पर गौर किया जायेगा. क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को सख्त संदेश देते हुए सेबी चेयरमैन ने कहा कि क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की जो मौजूदा कामकाज की स्थिति है उससे हम खुश नहीं हैं.
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क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों द्वारा कंपनियों द्वारा जारी बॉन्ड परिपक्वता भुगतान में असफल रहने के मामले में सीमित रुप से ही चेतावनी जारी की गयी. इन मुद्दों को लेकर एजेंसियों को कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी है. सेबी ने पिछले सप्ताह ही क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों को सही समय पर और कर्ज पर सही रेटिंग देने के लिए कंपनियों के शेयर मूल्यों में उतार-चढ़ाव सहित उनकी वित्तीय स्थिति पर पूरी सक्रियता के साथ नजर रखने को कहा था. इसके साथ ही, सेबी ने क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों के लिए खुलासा जरूरतों में भी वृद्धि की है.
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