पटना: धान खरीद घोटाले में शामिल सभी मिलर फिर जेल जायेंगे. सोमवार को मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह ने इस मामले की समीक्षा करते हुए आदेश दिया कि जिन मिलरों ने सरकार के पास अब तक बैंक गारंटी जमा नहीं की है, उनका बेल तुरंत रद्द करते हुए जेल भेज दें. मिलरों को अपने बकाये रुपये के बराबर जमीन या अन्य जायदाद की बैंक गारंटी सरकार के पास जमा करनी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फरवरी, 2017 में सुनवाई करते हुए कहा था कि सभी मिलरों को एक महीने की मोहलत दी जाये, ताकि वे अपने बकाये राशि के बराबर बैंक गारंटी सरकार के पास जमा कर सकें. अगर तय समयसीमा में बैंक गारंटी मिलर नहीं जमा करते हैं, तो सरकार उनका बेल रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दे.
लेकिन, शीर्ष अदालत के इस आदेश के बाद भी अब तक महज 6-7 मिलरों ने ही बैंक गारंटी जमा की है. इसके बाद सरकार बैंक गारंटी जमा नहीं करनेवाले मिलरों का बेल रद्द कर जेल भेजने की कार्रवाई करने जा रही है. यह धान खरीद घोटाला करीब 1600 करोड़ का है, जिसमें एक हजार से ज्यादा मिलर शामिल हैं. बैंक गारंटी के रूप में सरकार के पास करीब 300 करोड़ रुपये ही जमा हुए हैं. शेष रुपये मिलरों के पास ही पड़े हैं. बार-बार आदेश देने के बाद भी इन रुपये को मिलरों ने जमा नहीं किया है. धान खरीद घोटाले में आर्थिक अपराध इकाई 100 करोड़ से ज्यादा के आठ मामलों की जांच कर रही है. इसके बाद एक करोड़ से ज्यादा के सभी मामलों की जांच सीआइडी कर रहा है.