भभुआ सदर : रविवार की सुबह सदर अस्पताल से जच्चा-बच्चा को घर पहुंचाने के एवज में रुपये मांगनेवाले सरकारी एंबुलेंस चालक को आखिर अपने करनी की कीमत चुकानी पड़ी. सोमवार को मामला सही पाये जाने पर सिविल सर्जन डॉ केवीपी सिंह ने कड़े तेवर अपनाते हुए सदर अस्पताल में कार्यरत 108 एंबुलेंस के चालक विनोद कुमार गुप्ता को नौकरी से बरखास्त कर दिया. उक्त एंबुलेंस चालक पर पहले भी अवैध रूप से रोगियों से पैसा लेने की शिकायत मिली थी और इस मामले में अधिकारियों द्वारा मौखिक रूप से चेतावनी दिये जाने के बावजूद वह मरीजों के साथ दुर्व्यवहार और पैसे की उगाही में लिप्त था.
गौरतलब है कि रविवार को खनांव निवासी नंदलाल राम की पत्नी राधिका देवी को बरखास्त एंबुलेंस चालक द्वारा गांव से सदर अस्पताल पहुंचाने के एवज में दो सौ रुपये लिये गये थे. पुन: प्रसूता व उनके परिजनों को घर तक पहुंचाने के लिए एंबुलेंस चालक द्वारा दो सौ रुपये की मांग की गयी थी. जब पैसा देने में प्रसूता के परिजनों ने गरीबी का हवाला देते हुए असमर्थता जतायी तो एंबुलेंस चालक विनोद कुमार गुप्ता ने जच्चा-बच्चा सहित उसके परिजनों को सुवरन नदी स्थित एक पेट्रोल पंप पर से घुमा कर व भला बुरा कह वापस लाकर सदर अस्पताल छोड़ दिया था. सीएस डॉ केवीपी सिंह ने बताया कि मामले की जांच जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ विवेक कुमार सिंह से करायी गयी. जांच में मामला सही पाया गया. इसी आधार पर कार्रवाई करते हुए उक्त एंबुलेंस चालक को नौकरी से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि मरीजों के साथ पैसे लेने व निर्दयता बरतनेवाले वैसे सभी कर्मचारियों व अधिकारियों पर जांच के बाद मामला सही पाये जाने पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी.