मुजफ्फरपुर : शहर के सार्वजनिक स्थान पर देर रात सिगरेट का कश उड़ाते तीन युवकों के साथ पकड़े गये पुत्र को छुड़ाने पहुंचे, पिता जी को खुद जेल जाना पड़ा. वैसे कोटपा के तहत जुर्माना वसूल कर उनके पुत्र व उसके साथियों को पुलिस ने रिहा कर दिया. रविवार की देर रात करीब 3.15 बजे […]
मुजफ्फरपुर : शहर के सार्वजनिक स्थान पर देर रात सिगरेट का कश उड़ाते तीन युवकों के साथ पकड़े गये पुत्र को छुड़ाने पहुंचे, पिता जी को खुद जेल जाना पड़ा. वैसे कोटपा के तहत जुर्माना वसूल कर उनके पुत्र व उसके साथियों को पुलिस ने रिहा कर दिया. रविवार की देर रात करीब 3.15 बजे गश्ती करते हुए नगर थानेदार स्टेशन रोड पहुंचे. चाय दुकान पर सिगरेट का सेवन करते चार युवकों को देख उन्होंने पूछताछ की. पुलिस के सामने भी वे युवक सिगरेट का कश लेते रहे. सार्वजनिक स्थान पर सिगरेट पीने के आरोप में पुलिस ने कुढ़नी थाने के केरमा के शुभम कुमार, वैशाली रामभद्र के प्रिंस कुमार वमोतीझील के शंकर कुमार को पकड़ा.
एक युवक सिगरेट नहीं पी रहा था. कोटपा के तहत दो-दो सौ रुपये के जुर्माना की रसीद थमा दी. इसके बाद ड्राइविंग लाइसेंस नहीं रहने पर शुभम को पांच सौ रुपये का भी चालान दिया. पुलिस की इस कार्रवाई की सूचना शुभम ने अपने पिता संजय कुमार को फोन पर दी. थोड़ी ही देर में वे बाइक पर अपनी बेटी के साथ वहां पहुंच गये. बाइक से उतरते ही नगर थानेदार केपी सिंह को ऊंची पहुंच का धौंस जमाते हुए सभी युवकों को छोड़ देने को कहा. लेकिन
उन्होंने जुर्माने की राशि जमा करने के बाद ही मुक्त करने से संबंधित अपने निर्णय से उन्हें अवगत करा दिया. थानेदार के इनकार करने पर वे आग-बबूला होते हुए अनाप-शनाप बकने लगे. जेब से मोबाइल निकाल शहर के एक वार्ड पार्षद को फोन लगाया. उनके लाइन पर आते ही थानेदार के पास पहुंच बात करने को कहा. इस बीच संजय के मुंह से आते दुर्गंध को थानेदार ने भांप लिया. उन्हें हिरासत में ले लिया. थाने पर लाकर ब्रेथएनालाइजर मशीन से जांच करने पर शराब पीने की पुष्टि हुई. तब उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद प्राथमिकी दर्ज कर उसे जेल भेज दिया. वहीं पुत्र शुभम सहित उसके साथियों को जुर्माने की राशि वसूल मुक्त कर दिया.
बहुत हवा देते थे, कहां गयी पैरवी …
शराब के नशे में पैरवी करने पहुंचे संजय कुमार की भारी फजीहत हो गयी. उन्हें पुलिस की कार्रवाई के साथ ही पुत्र शुभम के भी तीखे शब्द बाण का सामना करना पड़ा. पिता को खरी-खोटी सुनाते शुभम ने कहा कि अगर औकात नहीं थी तो झूठी शान दिखाने की क्या जरूरत थी. कहां गयी आपकी पैरवी. आये थे मुझे छुड़ाने की पैरवी करने, खुद बंद हो गये हवालात. जाइये… अब जेल की हवा खाइये. बेटी ने भी नसीहत दी.