इस शहर को क्या हो गया है? रामगढ़ अमन व शांति के लिए जाना जाता रहा है. किंतु हाल के वर्षों में ऐसी तब्दीली आयी है कि पुराने वाशिंदे इस बदलाव को ले कर बुझे व उदास हैं और शहर में हो रही घटनाओं को अफसोसजनक कह रहे हैं. सच्चाई भी यह है कि समय-समय पर ऐसी घटनाएं सामने आ जाती हैं जिससे मानवीय दीवार खड़ी होने लगी हैं.
जब कोई वस्तु प्रतिबंधित है, तो उसके आदान-प्रदान पर पैनी नजर संबंधित अधिकारियों को रखनी चाहिए, ना कि कोई संगठन या किसी दल के लोगों को. कानून की निरंकुशता ही इस शहर को विषाक्त होने में पल्लवित और पुष्पित कर रहा है. शीघ्र ही ऐसी तमाम घटनाओं पर विराम लगाने के लिए कठोर निर्णय लिया जाना चाहिए, वरना भविष्य में बड़ी रक्तपात की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है.
संतोष सिन्हा, इमेल से