कोलकाता. सीएनटी एक्ट व एसपीटी एक्ट संशोधन विधेयक-2016 को वापस लेने की मांग को लेकर 30 जून को आदिवासी संगठनों द्वारा बंगाल सहित पांच राज्यों में रेल व सड़क अवरोध किया जायेगा. भारत जाकात माजहि परगना महल की केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर पूर्वी भारत स्थित बंगाल, बिहार, झारखंड, ओड़िशा व असम में आदिवासियाें द्वारा यह पथावरोध किया जायेगा. गौरतलब है कि आदिवासियों की जमीन की रक्षा के लिए केंद्र सरकार के दो एक्ट हैं.
छोटानागपुर क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासियों के लिए सीएनटी एक्ट व सांताल परगना क्षेत्र के आदिवासियों के लिए है एसपीटी एक्ट. इस एक्ट के अनुसार, आदिवासियों की जमीन को कोई गैर आदिवासी सहज नहीं खरीद सकता है, लेकिन वर्ष 2016 में झारखंड सरकार ने इस एक्ट में संशोधन किया है.
आदिवासियों को आशंका है कि इससे आदिवासियों की जमीन आसानी से गैर आदिवासियों के पास चली जायेगी. इस संबंध में अखिल भारतीय जाकात माझी परगना के बांकुड़ा जिला के रविनाथ मांडी ने कहा कि झारखंड सरकार ने आदिवासियों के जमीन संबंधी रक्षा कवच एक्ट में संशोधन किया है. वहां की विधानसभा में विधेयक पारित कर मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया है. इस संशोधन के साथ ही पश्चिम बंगाल में अलचिकि भाषा की पढ़ाई व शिक्षकों की नियुक्ति बंद होने के खिलाफ यह आंदोलन चलाया जायेगा.
उन्होंने बताया कि 30 जून को बांकुड़ा के पियारडोबा, छातना व पात्रसायर में रेल अवरोध व जिले के 22 ब्लॉकों में स्थित 44 सड़कों पर पथावरोध किया जायेगा.