आरा : साउथ बिहार पावर डिस्ट्रब्यूशन कंपनी द्वारा उपभोक्ताओं को भेजे जा रहे बिल को देख कर उपभोक्ताओं के होश उड़ जा रहे हैं. इसे लेकर उपभोक्ता काफी परेशान है. कंपनी द्वारा अप्रत्याशित बिल भेजने का सिलसिला जारी है. कहीं काफी अधिक बिल भेजा जा रहा है, तो कहीं कम बिल भेजा जा रहा है. हालात यह है कि कई उपभोक्ताओं के प्रयास के बाद कंपनी अधिक ली गयी राशि को अगले माह में समंजित कर रही है. हालांकि इसके लिए उपभोक्ताओं को नाको चने चबाने पड़ रहे हैं.
निजी काम को छोड़कर उपभोक्ताओं का काफी समय बिजली बिल को सुधार करवाने में ही लग जा रहा है. इससे उपभोक्ताओं के कई काम छूट जा रहे हैं. इस कारण उन्हें परेशानी तो हो ही रही है. दूसरी तरफ काफी आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ रही है. कंपनी द्वारा कई बार ऐसा कारनामा भी किया जा रहा है कि शिकायत के बाद भी उपभोक्ता का बिल सुधारने के बदले उससे काफी अधिक राशि का बिल भेज दिया जा रहा है. इससे उपभोक्ताओं के पसीने छूटने लग रहे हैं. उनका काफी समय बिजली विभाग का चक्कर काटने में ही गुजर जा रहा है. बिजली बिल में गड़बड़ी के लिए बदनाम विभाग के विरूद्ध कई बार उपभोक्ताओं द्वारा हंगामा भी मचाया जाते रहा है़
पर इसके कार्यशैली में अब तक कोई सुधार नहीं हो रहा है.
मीटर रीडर द्वारा की जा रही गड़बड़ी
मीटर रीडर द्वारा गड़बड़ी की जा रही है. प्रति माह लोगों के घरों अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में आकर मीटर नहीं देखा जा रहा है तथा बिल नहीं दिया जा रहा है. इस कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. बिल नहीं देने से लोगों में भय व्याप्त हो जाता है कि आखिर क्यों नहीं बिल आ रहा है.
चार से पांच माह पर भेजा जाता है बिल
विभाग द्वारा चार से पांच माह पर बिजली का बिल भेजा जाता है. इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होती है. विभाग गलती अपने करता है. पर दंड उपभोक्ताओं को देता है. चार माह तक बिल नहीं आने के बाद उस पर सूद जोड़ कर उपभोक्ताओं को बिल थमा दिया जाता है. इससे उपभोक्ताओं को काफी परेशानी होती है तथा उन्हें आर्थिक क्षति भी उठानी पड़ती है.
क्या कहते हैं लोग
बिल भेजने में बिजली विभाग द्वारा काफी लापरवाही की जा रही है. चार से पांच महीने पर बिल भेजा जाता है तथा अपनी गलती का दंड उपभोक्ताओं को दिया जाता है. इससे काफी परेशानी होती है.
फोटो नंबर- 25- अंगध सिंह, पुरानी पुलिस लाइन
मीटर रीडर द्वारा गड़बड़ी की जाती है. समय पर प्रतिमाह मीटर रीडिंग नहीं किया जाता है और न ही उसके द्वारा बिल दिया जाता है. इसमें विभाग के कर्मी भी समान रूप से दोषी है. अधिक बिल आने पर विभाग का चक्कर लगाने में काफी परेशानी होती है.
फोटो नंबर- 26- टिंकू कुमार, गोला मुहल्ला