शेखपुरा : किऊल-गया रेलखंड के कुसुंभा हॉल्ट से करीब एक किलोमीटर पश्चिम गया-हावड़ा एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से मां के साथ तीन मासूम बच्चों की कट कर मौत हो गयी. हादसे के बाद घटनास्थल पर जीआरपी पहुंची. करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद शवों की पहचान की जा सकी. मृतक महिला 30 वर्षीय पिंकी देवी बतायी जा रही है. इस हादसे में पिंकी के दो पुत्रियों नौ वर्षीया अस्तिका, सात वर्षीया स्वीटी कुमारी और एक पुत्र चार वर्षीय अंकुश कुमार ने भी मौके पर ही दम तोड़ दिया. दोपहर करीब 2:25 बजे हुई इस घटना के बाद मौके पर पहुंची जीआरपी ने शव को कब्जे में ले लिया.
घटनास्थल से काफी दूर खड़े ग्रामीणों की माने तो ट्रेन की पटरी पर जाने से मां को बच्चे रोक रहे थे और मां बच्चों को वापस घर जाने को कह रही थी. हालांकि, जब तक लोग घटना को भांप सकते, अनहोनी हो चुकी थी. अपनी ससुराल अरियरी प्रखंड के ऐफनी गांव निवासी से नवादा के खपड़ाही गांव स्थित मायके जाने की बात कह कर निकली विवाहिता बच्चों को भी अच्छे कपड़े पहना दी थी, ताकि कोई रोक-टोक न कर सके. घटना की खबर मिलते ही मौके पर पहुंचे मृतका के चचेरे भाई व नवादा के खपड़ाही गांव निवासी रोशन कुमार और पड़ोसी राकेश शर्मा ने शव की पहचान कर ससुराल वालों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया.
मृतका के पति व ऐफनी गांव निवासी मिंटू मंडल पिछले कई वर्षों से पंजाब के निजी फैक्टरी में काम करते थे. इसी दरमियान उसके ससुरालवाले पिंकी को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे. प्रताड़ना से ऊब कर मिंटू ने अपनी पत्नी और बच्चों को शेखपुरा में किराये के मकान में शिफ्ट करा दिया था. लेकिन, स्थिति को सामान्य देख कर पिंकी करीब डेढ़ माह पूर्व ही दोबारा ऐफनी गांव रहने के लिए आ गयी थी. चचेरे भाई ने आरोप लगाया कि घटना की खबर सुन कर पिंकी के मायके के लोग नवादा से पहुंच गये, लेकिन कुछ ही दूरी पर रहने के बावजूद ससुराल के लोग घटनास्थल पर नहीं पहुंच सके. उन्होंने घटना के लिए ससुराल वालों को जिम्मेवार बताया है.
इधर, शेखपुरा जीआरपी प्रभारी बिनोद कुमार ने भी प्रथम दृष्टया इस घटना को लेकर पारिवारिक कलह बताया है. वहीं, घटना को लेकर मौके पर जीआरपी पुलिस के अलावा शेखपुरा बीडीओ सुनील कुमार चांद मौके पर कैंप कर रहे हैं.