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फरजीवाड़ा रोकने के लिए राज्य सरकार ने उठाये कड़े कदम, आधार और मोबाइल के बिना नहीं होगी रजिस्ट्री
जमशेदपुर : शहर में अब जितनी भी संपत्तियों की रजिस्ट्री होगी, उसमें आधार व मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है. रजिस्ट्री को आधार से लिंक कर देने से महिलाओं को मिलने वाले लाभ को दोबारा लिंक नहीं किया जा सकेगा. जानकारों के अनुसार रजिस्ट्री को आधार से लिंक करना जमीन मालिकों के लिए फायदेमंद […]
जमशेदपुर : शहर में अब जितनी भी संपत्तियों की रजिस्ट्री होगी, उसमें आधार व मोबाइल नंबर अनिवार्य कर दिया गया है. रजिस्ट्री को आधार से लिंक कर देने से महिलाओं को मिलने वाले लाभ को दोबारा लिंक नहीं किया जा सकेगा. जानकारों के अनुसार रजिस्ट्री को आधार से लिंक करना जमीन मालिकों के लिए फायदेमंद है.
इससे जमीन की खरीदी-बिक्री में होने वाले फरजीवाड़े पर रोक लगेगी. इससे जमीन की बेनामी कारोबार पर भी लगाम लगेगी. राज्य सरकार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय भूमि संसाधन विभाग (भूमि सुधार प्रभाग) की ओर से 7 दिसंबर, 2015 को एक पत्र जारी किया गया है इसमें जमीन की रजिस्ट्री के दौरान सहमति से आधार नंबर लेने की सलाह दी गयी है. उसी को अब लागू कर करते हुए अनिवार्य कर दिया गया है.
रजिस्ट्री आधार से लिंक होने के फायदे
सहमति आधारित आधार रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1908 की धारा-32 (क) के अतंर्गत अपेक्षाओं को पूरा करने का एक सस्ता और लेखा परीक्षा योग्य है.
इससे रजिस्ट्री कराने वाले को रजिस्ट्री पेपर पर स्याही से अंगुली की छाप देने के झंझट से मुक्ति मिलेगी .
सहमति आधारित आधार में सरकार स्वयं गवाह का काम करेगी, ऐसे में अतिरिक्त गवाह की जरूरत नहीं पड़ेगी.
इसके इस्तेमाल से दस्तावेजों पर डिजिटल हस्ताक्षर की शुरुआत हो सकती है, जिन्हें डिजिटल लॉकर में सुरक्षित रखा जा सकता है.
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