बीजिंग: चीन ने कहा कि वह भारत का चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘बेल्ट एंड रोड इनीशियेटिव ‘ (बीआरआई) में शामिल होने के लिए कुछ आैर वक्त तक इंतजार कर सकता है. उसने कहा है कि वह इस बात के लिए कुछ और वक्त इंतजार करने को तैयार है कि भारत अपनी आशंकाओं को छोड़कर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की महत्वाकांक्षी परियोजना में खुद को शामिल कर ले. बीजिंग ने इस बात पर भी जोर दिया कि 50 अरब डॉलर के चीन पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर (सीपीईसी) का बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यामां (बीसीआईएम) आर्थिक कॉरिडोर के साथ एकीकरण से उसकी महत्वाकांक्षी बीआरआई परियोजना को बल मिलेगा. सीपीईसी के पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने के कारण भारत इस पर आपत्ति जता रहा है.
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चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने यहां मीडिया से कहा कि मुझे इस ओर इशारा करना होगा कि भारत के कुछ लोगों को बीआरआई को लेकर आशंकाएं और संशय हैं. उन्होंने कहा कि वे अब भी इसे देख रहे हैं और पहल को लेकर शंका जता रहे हैं. हम भारतीय पक्ष के लिए कुछ और समय इंतजार कर सकते हैं. बीआरआई एक महत्वपूर्ण अवसर है. तथ्यों से साबित हो गया है कि यदि कोई परियोजना में यथासंभव जल्द से जल्द शामिल होगा तो उसे अधिक लाभ मिलेगा. भारत ने सीपीईसी को लेकर अपनी संप्रभुता संबंधी चिंताओं की वजह से मई में चीन के बेल्ट एंड रोड फोरम में भाग नहीं लिया था. गेंग ने कहा कि सीपीईसी और बीसीआईएम दोनों ही बीआरआई की रूपरेखा के तहत महत्वपूर्ण सहयोगी परियोजनाएं हैं.
चीन का आरोपः सिक्किम में भारत द्वारा सड़क निर्माण रोकने से सीमा पर शांति प्रभावित
उधर दूसरी आेर, चीन की सेना ने आरोप लगाया कि भारत की फौज सिक्किम में चीन-भारत सीमा पर एक सड़क के निर्माण को रोक रही है और इस कदम से सीमा पर अमन चैन को गंभीर रूप से नुकसान पहुंचा है. चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने एक बयान में कहा कि भारत की आजादी के बाद भारत की सरकार ने बार बार लिखित में इस बात की पुष्टि की है कि दोनों पक्षों को सिक्किम सीमा पर कोई आपत्ति नहीं है.
अपनी सीमा में हर हाल में सड़क का निर्माण करेगा चीन
सेना के बयान के अनुसार, चीन द्वारा अपने क्षेत्र में सड़क का निर्माण पूरी तरह संप्रभुता का कृत्य है और भारत को इसमें दखल देने का कोई अधिकार नहीं है. इसमें कहा गया कि सड़क निर्माण को रोकने की भारत की कोशिश से सीमा पर अमन चैन गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है. बयान के मुताबिक कि हमें उम्मीद है कि भारत अब चीन के साथ मिलकर काम करेगा और सीमा की समस्या को जटिल करने वाली कोई कार्रवार्इ नहीं करेगा तथा द्विपक्षीय संबंधों के सही तरह विकास की रफ्तार को संयुक्त रूप से बनाये रखा जायेगा.
भारत-चीन सेना के जवानों के टकराव से बढ़ा है तनाव
सिक्किम के एक सुदूरवर्ती क्षेत्र में भारतीय सेना और पीएलए के जवानों के बीच टकराव के बाद तनाव पसर गया था. इसके बाद चीनी सैनिकों ने सीमा पर भारत की तरफ बंकरों को तबाह किया. नयी दिल्ली में आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि दोनों सेनाओं के बीच टकराव के बाद जून के पहले सप्ताह में सिक्किम के डोका ला जनरल इलाके में लाल्टेन चौकी के नजदीक यह वाकया हुआ. इससे चीन-भारत की सीमा पर तनाव पैदा हो गया.