पटना : बिजली की फ्रेंचाइजी व्यवस्था वाले भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बोधगया के लोग पावरकट से परेशान रहते हैं. बेहतर व्यवस्था के नाम पर शुरू की गयी यह व्यवस्था ध्वस्त तो हो ही गयी है, बिजली कंपनी के लिए भी सिरदर्द साबित हो रही है. बिजली कंपनी का तीनों फ्रेंचाइजी कंपनियों पर साढ़े तीन सौ करोड़ से अधिक का बकाया हो गया है. सबसे खराब स्थिति भागलपुर की है.
बिजली कंपनी भागलपुर की फ्रेंचाइजी को टरमिनेट करने की तैयारी में है इस दिशा में काम चल रहा है. सूबे के भागलपुर, मुजफ्फरपुर और बोधगया बिजली वितरण की व्यवस्था फ्रेंचाइजी के जिम्मे है.
इनके पास पांच लाख से अधिक उपभोक्ता हैं. बिजली वितरण, रखरखाव से लेकर बिजली बिल की वसूली फ्रेंचाइजी के जिम्मे हैं. फ्रेंचाइजी व्यवस्था शुरू करने के पहले कंपनी की सोच थी कि लोगों को बेहतर बिजली मिलेगी यह व्यवस्था बिजली कंपनी के लिए घाटे का सौदा साबित हो रहा है. फ्रेंचाइजी वाले शहर के लोग बिजली की कमी, पावर कट का रोना रोते हैं.
सबसे खराब स्थिति भागलपुर की है. बिजली कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि जितनी की बिजली फ्रेंचाइजी को दी जाती है उतनी राशि नहीं मिल रही है. फ्रेंचाइजी कंपनियों पर बिजली कंपनी का 350 करोड़ से अधिक का बकाया है. हर महीने 45 करोड़ से अधिक की बिजली इनको दी जाती है इसके एवज में बिजली कंपनी को मिलता है 30 से 32 करोड़. बिजली कंपनियों का हर महीने 15 से 16 करोड़ का बकाया फ्रेंचाइजी पर हो जा रहा है.
फ्रेंचाइजी के जिम्मे मुजफ्फरपुर में 2.25 लाख भागलपुर में 1.51 लाख और गया में 1 लाख के करीब उपभोक्ता हैं. भागलपुर को हर महीने 12 करोड़, गया को 14 और मुजफ्फरपुर को 18 करोड़ की बिजली कंपनी देती है. इसके एवज में बिजली कंपनी को भागलपुर से 8 से 9 करोड़, गया से 10 और मुजफ्फरपुर से 11 से 12 करोड़ रुपया मिलता है. बिजली कंपनी के एक अधिकारी के अनुसार सालाना 150 करोड़ का बकाया रह जाता है. तीनों फ्रेंचाइजी कंपनी पर 350 करोड़ से अधिक का बकाया हो गया है.