बीजिंग : चीन के एक दैनिक अखबार ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान की उपेक्षा कर भारत और अफगानिस्तान के बीच समर्पित हवाई कॉरिडोर की शुरुआत पाकिस्तान के कब्जेवाले कश्मीर से गुजरनेवाले चीन के महत्वाकांक्षी आर्थिक कॉरिडोर के जवाब में नयी दिल्ली का एक प्रयास है और यह उसकी ‘भू-राजनीतिक हठधर्मिता’ को दर्शाता है. भारत और अफगानिस्तान ने पिछले सप्ताह द्विपक्षीय व्यापार और भू-आवेष्टित मध्य एशियाई देश को भारतीय बाजारों में व्यापक पहुंच उपलब्ध कराने के लिए एक समर्पित हवाई फ्रेट कॉरिडोर का उद्घाटन किया था.
भारत वैकल्पिक और भरोसेमंद पहुंच मार्ग बनाने के लिए अफगानिस्तान के साथ मिलकर काम कर रहा है. यह चाहबहार बंदरगाह को विकसित करने के लिए भी काबुल और ईरान के साथ मिलकर काम कर रहा है. सरकार संचालित ग्लोबल टाइम्स ने एक लेख में कहा कि भारत, अफगानिस्तान अौर ईरान के बीच पहले ही शुरू हो चुके और प्रस्तावित मार्गों से ‘एक सवाल खड़ा होता है : क्या भारत अफगानिस्तान और अन्य मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार विकसित करने के लिए पाकिस्तान की अनदेखी करेगा?’
अखबार ने चीन-पाकिस्तान आर्थिक कॉरिडोर परियोजना पर भारत के विरोध का संदर्भ देते हुए कहा, ‘इस तरह के सभी कनेक्टिविटी प्रयासों ने न सिर्फ क्षेत्रीय विकास में अधिक सक्रियता के साथ भागीदारी करने की भारत की इच्छा का संकेत दिया है, वरन उसकी भू-राजनीतिक सोच संबंधी हठधर्मिता को भी दर्शाया है. ‘ लेख में कहा गया कि भारत हमेशा ‘बेल्ट एंड रोड ‘ पहल का विरोध करता रहा है, इसलिए अपना खुद का कनेक्टिविटी नेटवर्क बनाने का उसका इरादा सीपीईसी का जवाब देने की एक रणनीति प्रतीत होती है, खासकर पाकिस्तान की उपेक्षा करने के लिए.