आनेवाले दिनों में पश्चिम बंगाल के नक्शे में जरा भी फेरबदल की कोई संभावना नहीं है. श्री मुखर्जी ने शुक्रवार को एक प्रेस बयान जारी कर बताया है कि लोकतंत्र में सभी को अपनी मांगें रखने का अधिकार है. संविधान ने भी इसकी मान्यता दी है. पहाड़ के लोग अलग राज्य का मांग कर ही सकते हैं. हालांकि इसमें यह देखना जरूरी है कि इस मांग को कितना पूरा कर पाना संभव है. उन्होंने कहा कि एक नये राज्य बनाने के लिए जिन न्यूनतम शर्तों की जरूरत है, वह भी गोरखालैंड की मांग के पक्ष में नहीं है. सिर्फ भाषा के आधार पर ही गोरखालैंड का गठन नहीं किया जा सकता. श्री मुखर्जी ने अपने बयान में देश के आर्थिक तथा सामाजिक विकास में गोरखा जाति के योगदान को अग्रणी बताया है.
उन्होंने कहा कि वीर गोरखा देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा देते हैं. सीमा सुरक्षा में पंजाब तथा अन्य स्थानों पर गोरखा रेजीमेंट की तैनाती की गयी है. गोरखा सैनिकों की गौरवगाथा इतिहास में दर्ज है. भाजपा गोरखा समुदाय के सामाजिक तथा आर्थिक विकास के लिए दृढ़ संकल्प है. इनके विकास के लिए जो भी आवश्यक है, उसमें भाजपा पूर्ण रूप से सहयोग करेगी.