एसिड हमले की शिकार चंचल पासवान नहीं रही. वैसे तो पिछले दो साल में बिहार के एसिड हमले की शिकार चार लड़कियों की मौत हो चुकी है. जिसमें दो पीड़िताओं ने खुदकुशी कर चुकी है जबकि एक की इलाज के अभाव में मौत हो गयी.
मनेर की चंचल का नहीं रहना सबसे दुखद खबर है. क्योंकि बिहार जैसे राज्य में जहां एसिड हमले की शिकार सरकार से लेकर समाज तक की प्रताड़नाओं का लगातार शिकार हो रही हैं. उनके लिए एक दिन गुजारना किसी चुनौती से कम नहीं. चंचल इन सबके खिलाफ डट कर खड़ी हुई थी.