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राज्य में क्वालिटी बिजली मिल नहीं रही, जेनरेटर से चल रहे हैं उद्योग

आक्रोश. नये बिजली टैरिफ पर झारखंड चेंबर ने जतायी आपत्ति, कहा रांची : नये बिजली टैरिफ पर झारखंड चेंबर ने आपत्ति जतायी है. चेंबर सदस्यों ने कहा कि घरेलू बिजली दर में 25 फीसदी और औद्योगिक उपभोक्ताओं की बिजली दर में 11 फीसदी की बढ़ोतरी न्यायसंगत नहीं है. चेंबर सदस्यों ने अपन प्रतिक्रियाएं दी हैं. […]

आक्रोश. नये बिजली टैरिफ पर झारखंड चेंबर ने जतायी आपत्ति, कहा
रांची : नये बिजली टैरिफ पर झारखंड चेंबर ने आपत्ति जतायी है. चेंबर सदस्यों ने कहा कि घरेलू बिजली दर में 25 फीसदी और औद्योगिक उपभोक्ताओं की बिजली दर में 11 फीसदी की बढ़ोतरी न्यायसंगत नहीं है. चेंबर सदस्यों ने अपन प्रतिक्रियाएं दी हैं.
चेंबर भवन में जीएसटी पर कार्यशाला आज
झारखंड चेंबर ने शुक्रवार को चेंबर भवन में जीएसटी पर विभागीय विशेषज्ञों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया है. कार्यशाला 11 बजे से शुरू होगी. कार्यशाला में विभागीय विशेषज्ञ व्यवसायियों के जीएसटी संबंधित प्रश्नों के उत्तर देंगे. वाणिज्यकर विभाग के पूर्व एडिशनल कमिश्नर सुरेश सेराफिम, विभाग के संयुक्त सचिव गोपाल कृष्ण तिवारी और आरपी बर्णवाल उपस्थित रहेंगे. झारखंड चेंबर के वाणिज्य कर उप समिति के चेयरमैन दीनदयाल वर्णवाल ने कहा कि 30 जून के बचे स्टॉक पर आप इनपुट कैसे लेंगे और एक जुलाई से बिलिंग आप किस प्रकार कर पायेंगे, उसका क्या फॉर्मेट होगा, इसकी जानकारी दी जायेगी. इस दौरान जीएसटी-टीएम मोबाइल एप के बारे में भी जानकारी दी जायेगी.
कोयले की खदान में बसा हमारा प्रदेश राज्य में पावर कट की समस्या से जूझ रहा है. बिजली यहां बनती है, फिर भी महंगी हो रही है, यह चिंता का विषय है. सरकार को बिजली गड़बड़ी की जांच करानी चाहिए. राज्य में हमेशा बिजली दर बढ़ाने की बात की जाती है. सुविधा देने पर विचार नहीं किया जाता. वर्तमान में जेनरेटर के भरोसे ही व्यापार-उद्योग चल रहे हैं. निर्बाध विद्युत आपूर्ति इस राज्य का सपना है.
विनय अग्रवाल, अध्यक्ष, झारखंड चेंबर
राज्य में बिजली की सप्लाइ सही तरीके से नहीं होने से प्रदेश का व्यापार और उद्योग बुरी तरह प्रभावित है. किश्तों में बिजली उपलब्ध होती है. बिजली की ऐसी ध्वस्त व्यवस्था से राज्य के विकास की परिकल्पना नहीं की जा सकती है. सरकार बिजली को निजी हाथों में दे, ताकि लोगों को क्वालिटी बिजली मुहैया हो सके. इसके लिए बिजली टैरिफ बढ़ाया जाये.
रंजीत गाड़ोदिया, महासचिव
राज्य की बिजली व्यवस्था चरमरायी हुई है. ऐसे समय में टैरिफ बढ़ाने का कोई मतलब नहीं है. आप 24 घंटे बिजली दें, फिर टैरिफ बढ़ाने की बात करें, तो हम उसका स्वागत करेंगे. सुविधा देते नहीं, जो बिजली मिलती है, उसमें वोल्टेज की समस्या है. ऐसे में किस आधार पर टैरिफ बढ़ाने की बात हो रही है, यह समझ से परे है.
तुलसी पटेल, उपाध्यक्ष
टैरिफ बढ़ाने के बाद लोगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति मिलेगी, इसकी क्या गारंटी है. बेहतर होता कि टैरिफ बढ़ाने के साथ-साथ सुविधाओं की बात भी की जाती. विभाग क्वालिटी और क्वांटिटी बिजली दे, फिर टैरिफ बढ़ायें. अभी स्थिति यह है कि बिजली का आना-जाना लगा हुआ है. तीन-चार महीने से बिल भी नहीं भेजे जा रहे हैं.
प्रवीण जैन छाबड़ा, प्रवक्ता

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