पटना : भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने अन्य राज्यों की तर्ज पर बिहार में किसानों का 21,651 करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण माफ करने की मांग आज सरकार से की. सुशील मोदी ने आज यहां एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और कर्नाटक ने किसानों की कर्ज माफी का ऐलान किया है. बिहार सरकार को भी इन राज्यों की तर्ज पर किसानों का ऋण माफ करने पर विचार करना चाहिए.
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कृषि रोड मैप के असफल होने और सरकार द्वारा किसानों की उपज की खरीद नहीं होने से प्रदेश में किसानों की हालत खस्ता है. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार के 39 लाख किसानों पर 21,651 करोड़ रुपये का अल्पकालीन कृषि ऋण है. महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सरकार ने एक-एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ कर दो करोड़ किसानों को राहत दी है. वहीं कर्नाटक ने भी 50 हजार रुपये तक का ऋण माफ कर 22 लाख किसानों का लाभ पहुंचाया है. बिहार सरकार को भी 39 लाख किसानों के हित में कर्ज माफी का निर्णय लेना चाहिए.
बिहार विधानपरिषद में प्रतिपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इसके अलावा बिहार को मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, राजस्थान और पंजाब की तरह किसानों को ब्याजरहित ऋण देना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि इस साल 90 लाख मिट्रिक टन का रिकार्ड उत्पादन होने के बावजूद राज्य सरकार मात्र 18 मिट्रिक टन की खरीददारी कर पायी है. इस कारण किसानों को औने पौने दाम पर अपनी उपज बेचने को बाध्य होना पड़ा है.
सुशील मोदी ने कहा, कृषि रोड मैप (2012-17) अपने सभी मानकों पर बुरी तरह से विफल रहा है. डीजल अनुदान के भुगतान और कृषि यंत्रीकरण में भी सरकार विफल रही है. ऐसे में सरकार को किसानों का कर्ज माफ करने के साथ ही उन्हें आगामी फसलों के लिए ब्याजरहित ऋण देना चाहिए.